महाकाल के दर्शन करने के लिए अलग-अलग नियम क्यों
महाकाल के दर्शन करने के लिए अलग-अलग नियम क्योंRaj Express

Bhopal : महाकाल के दर्शन करने के लिए अलग-अलग नियम क्यों

भोपाल, मध्यप्रदेश : श्री शर्मा ने कहा कि उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर भी प्रदेश की भाजपा सरकार अपने दोहरे रवैए का परिचय दे रही है।
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भोपाल, मध्यप्रदेश। कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने को लेकर हमला बोला है। श्री शर्मा ने कहा कि उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर में दर्शन करने पर भी प्रदेश की भाजपा सरकार अपने दोहरे रवैए का परिचय दे रही है। जहां प्रदेश की जनता के लिए प्रवेश पर रोक लगी है, वहीं भाजपा के लोग गर्भगृह में महाकाल में दर्शन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

राज्य सरकार से पूछना चाहता हूं कि 15 जनवरी को जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की सुख, समृद्वि, खुशहीली की प्रार्थना के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में जाने की अनुमति प्रशासन से मांगी तो उन्हें कोविड नियमों का हवाला देते हुए गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष वीडी शर्मा, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और फिल्म अभिनेत्री सारा अली खान को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने जाकर दर्शन कराना कौन सी दोहरी मानसिकता है। खुद भाजपा के उज्जैन के सांसद ही इस पर सवाल उठा रहे हैं। जहां प्रोटोकाल का पालन करते हुए मंदिर परिसर में चाहे राज्यपाल हो, मंत्री, सांसद, विधायक हों या कोई भी वीआईपी हो, सभी को नंदीगृह के पीछे लगे बेरीकेड्स से दर्शन कराने के नियम लागू हैं तो ऐसे में मंदिर के गर्भगृह में जाकर दर्शन कराने की अनुमति किसने और क्यों दी, यदि इन लोगों को गर्भगृह में जाने की अनुमति दी गई तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को दर्शन की अनुमति क्यों नहीं दी गई। कांग्रेस मांग करती है कि गृर्भगृह में प्रवेश की अनुमति देने वाले अधिकारियों पर महाकाल अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।

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