Madhya Pradesh Youth Advisory Council: मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में युवा सलाहकार परिषद का गठन किया है। इस परिषद में शामिल होने वालों में एक नाम आशुतोष सिंह ठाकुर का भी है। इस नाम की बड़ी चर्चा है और इसका कारण भी बड़ा ही है। आशुतोष ने कम उम्र में वो काम किया है जिसकों करने के लिए लम्बी उम्र का अनुभव होना चाहिए। आइयें बताते है कि, आशुतोष सिंह ठाकुर (Ashutosh Singh Thakur) कौन और ये करते क्या है।
रायसेन जिले के बाड़ी बरेली में 15 दिसंबर 1994 को किसान परिवार में जन्म लेने वाले आशुतोष सिंह ठाकुर की प्राथमिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में हुई। कक्षा 12वी के बाद उनका चयन राष्ट्रीय मौलाना आजाद प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में हुआ। मैनिट में अध्ययन के दौरान उन्होंने हिंदी भाषा पर काम करना शुरू किया जबकि मैनिट में अंग्रेजी का बोलबाला था। इस दौरान उन्होंने हिंदी दिवस पर होने वाले तूर्यनाद कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में देशभर के संस्थानों से विद्याथियों को आमंत्रित किया हिंदी भाषा से सम्बंधित कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन कर इस कार्यक्रम को लोकप्रिय बना दिया। वर्तमान समय में तूर्यनाद कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाये हुए है।
मैनिट से आर्किटेक्चर (Architecture) की डिग्री पूर्ण करने के बाद आशुतोष ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) में दाखिला लिया। BHU में अध्ययन के दौरान उनका लगाव आदि शंकराचार्य की तरफ बढ़ गया और उन्होंने इस दौरान अद्वैत वेदांत दर्शन को गहराई से समझा इसके लिए उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन के कई विद्वानों की सांगत की। कई दिनों तक इससे सम्बंधित आश्रमों में रहे और कठिन नियमों का पालन किया। उन्होंने अध्यात्म के गहरे सागर में गोता लगाकर तलहटी को छुआ और अपने ज्ञान को उथलेपन से मुक्त कर लिया। इसी दौरान उन्होंने अध्यात्म (Spirituality) को लेकर कई मंचों से अपनी बात कही और एक नया दर्शन युवाओं को दिया।
शुरू किया यंग थिंकर्स फोरम :
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद आशुतोष सिंह ठाकुर ने यंग थिंकर्स फोरम (Young Thinkers Forum) का गठन 12 अगस्त 2018 में किया था। इसमें कोई अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी के रूप में शामिल नहीं था। इस फोरम का काम देशभर में युवा बौद्धिक योद्धा तैयार करना है। आशुतोष ने अपने साथ इस विषय पर रूचि रखने वाले कुछ साथियों को जोड़ा। शुरू के साल में आशुतोष की बात कम लोगों को समझ आई लेकिन अब आलम यह है कि यंग थिंकर्स फोरम से देश के उच्च स्तर के विद्वान जुड़े हुए है। यंग थिंकर्स फोरम साल में एक बार कॉन्क्लेव का आयोजन करता है इसमें देशभर के चयनित युवाओं को आमंत्रित किया जाता है।
इन युवाओ के सवालों का जबाब विभिन्न विषयों के विद्वान देते है। दो या तीन दिन विभिन्न सत्रों में युवाओं को वाट्सएप्प और फेसबुक यूनिवर्सिटी के उथले ज्ञान से मुक्त कर वास्तविक और तथ्यात्मक ज्ञान को समझने की समझ पैदा की जाती है। इस फोरम का उद्देश्य देश के युवा में बौद्धिक क्षमता का विकास करना है। फोरम का मानना है कि, युवाओं में अगर बौद्धिक क्षमता होगी तो फिर सही और गलत का भेद कर सकेंगे, उनका ब्रेन वॉश करने की कोशिश बेकार होगी। यह फोरम हर रविवार को किसी भी एक पुस्तक पर युवाओं की परिचर्चा का आयोजन करता है। इस परिचर्चा में कोई भी शामिल हो सकता है।
आध्यात्म पर गहरी पकड़ :
कम उम्र में आशुतोष सिंह ठाकुर ने आध्यात्म पर अपनी गहरी पकड़ बनाई है। कई मंचों पर जब आशुतोष आध्यात्म पर बोलते है तो वहां मौजूद युवा उनकी बात गंभीरता से सुनाता है। इस समय शिक्षित युवाओं में आशुतोष काफी लोकप्रिय है। आध्यात्म को लेकर युवाओं के कई समूह उन्हें कही भी पकड़ लेते है और अपने सवालों के जबाब देने पर मजबूर कर देते है यही वजह है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में गठित किये गए राज्य युवा सलाहकार परिषद में उन्हें बौद्धिक, वैचारिक व आध्यात्मिक क्षेत्र से शामिल किया गया है, हालांकि आशुतोष पहले से ही सरकार के विभिन्न प्रोजेक्ट में सलाह देते रहे है।
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