सिंधिया गए तो उनके समर्थकों को कांग्रेस में महत्व मिलना बंद हो गया

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब उनके कांग्रेस में बचे समर्थकों को पार्टी में महत्व नहीं मिल रहा ऐसे में उन्होंने भी कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है।
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राजएक्सप्रेस। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद उनके काफी समर्थक कांग्रेस में ही रुक गए थे, लेकिन अब उनको शहर कांग्रेस अध्यक्ष महत्व नहीं दे रहे जिसके कारण उनका कांग्रेस छोडऩे का मन बनने लगा है। इसी के तहत गुरुवार को पूर्व पार्षद कमल मांझी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।

अंचल में सिंधिया का खासा वर्चस्व है ओर कांग्रेस में जो भी पदाधिकारी एवं अन्य पदों पर थे वह सभी सिंधिया के समर्थक माने जाते थे, क्योंकि अंचल में सिंधिया के हिसाब से ही कांग्रेस संचालित हो रही थी। जब सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कहा तो कई समर्थक तो कांग्रेस छोड़कर चले गए थे, लेकिन इसके बाद भी काफी संख्या में सिंधिया समर्थक कांग्रेस में ही डटे हुए थे। अब दो माह से अधिक का समय हो गया ओर उनको यह महसूस होने लगा कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष उनको कोई महत्व नहीं दे रहे हैं तो अब उनका मन भी बदलने लगा है।

इसी के चलते गुरूवार को पूर्व पार्षद कमल मांझी ने कांग्रेस को अलविदा कर दिया है। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से जिस तरह से कांग्रेस संगठन के प्रमुखों को सक्रिय होकर कांग्रेसजनों को एक जुट करने की जिम्मेदारी थी वह इसे निभाने की जगह स्वयं टिकिट की दौड़ में शामिल हो गए जिसके कारण जो सिंधिया समर्थक कांग्रेस में रुके हुए थे उनको लगने लगा कि अब कांग्रेस में उनको महत्व नहीं मिलेगा। जिले में कांग्रेसजनो को एकत्रित कर उनको पार्टी के काम में लगाने की जिम्मेदारी शहर कांग्रेस अध्यक्ष की होती है, लेकिन शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा दो साल में अपनी कार्यकारिणी ही नहीं बना पाएं तो उनके क्या उम्मीद की जा सकती है कि वह कांग्रेसजनों को एकजुट रख सकते है।

सिर्फ अपनों में सिमटे शहर अध्यक्ष....

शहर कांग्रेस अध्यक्ष फिलहाल क्या शुरू से ही सिर्फ अपनो में सिमट कर काम कर रहे हैं, जिसके कारण उनके खिलाफ कांग्रेसजनों ने पहले भी काफी शिकायतें की थीं, लेकिन इसके बाद भी उनके खिलाफ कोर्ई कार्यवाही नहीं हुई थी। अब जब सिंधिया कांग्रेस से बाहर होकर भाजपा में जा चुके है तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह जो कांग्रेस में है उनको एकजुट रख सके, लेकिन इसमें भी वह नाकाम नजर आ रहे है। यही कारण है कि पूर्व पार्षद कमल मांझी ने अपने समर्थको के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। वैसे कमल मांझी पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह के समर्थक माने जाते है, लेकिन अभी तक वह कांग्रेस में रुके हुए थे, लेकिन शहर कांग्रेस अध्यक्ष ऐसे कांग्रेसियों को समझाने में नाकाम साबित हुए।

इन्होंने दिया इस्तीफा....

पूर्व पार्षद कमल मांझी के साथ दिनेश बाथम, अनिल मांझी, बृजेश मांझी, रमेश बाथम, सोनू मांझी, संतोष बाथम, किशोरीलाल, राजकुमार, चन्देश मांझी, हरदेवी बाथम सहित कई कांग्रेसी शामिल है।

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