इंदौर: रिमांड पर चल रहे वाधवानी को आज पेश करेंगे कोर्ट में

इंदौर, मध्यप्रदेश: पान मसाले में 233 करोड़ की टैक्स चोरी को लेकर किशोर वाधवानी से लगातार पूछताछ जारी है। वाधवानी की रिमांड आज दोपहर तक चलेगी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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इंदौर, मध्यप्रदेश। पान मसाले में 233 करोड़ की टैक्स चोरी को लेकर किशोर वाधवानी से लगातार पूछताछ जारी है। इसमें फोकस डमी कंपनियों व वाधवानी के रिश्ते को कागज पर लाने का है। इसके साथ ही देखा जा रहा है कि इन डमी कंपनियों में आने वाली राशि और जाने वाली राशि में किस-किसकी भूमिका रही। इसके अधिकारी बैंकों से भी जानकारी ले रहे हैं कि इन डमी कंपनियों के खाते कहां है और जहां पर लगातार राशि आ या जा रही थी। टैक्स चोरी में वाधवानी को जिला कोर्ट द्वारा रिमांड पर डीजीजीआई को सौंपा गया है। पान मसाला कारोबारियों को पान मसाला परिवहन की परमिशन देने का मामला सामने आने के बाद इंदौर जांच एजेंसी टैक्स चोरी के साथ टैक्स चोरी के तरीकों की जांच भी कर रही है। वाधवानी की रिमांड आज दोपहर तक चलेगी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।

प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करके भेज सकते हैं ईडी और आईटी को :

सूत्रों के अनुसार इंटेलिजेंस एजेंसी भी वर्तमान कार्यवाही पर प्राथमिक रिपोर्ट तैयार करके ईडी और आईटी को भेजी जा सकती है और फिर ये एजेंसियां भी सक्रिय होगी और गिरफ्तारी लेंगी। वाधवानी को उम्मीद भी नही होगी कि वो कितनी बड़ी मुसीबत में फंसने वाला है। अब वाधवानी के और उससे जुड़े लोगों की लगभग चार से अधिक फर्मों के विरुद्ध अलग-अलग लगभग आठ से अधिक पुराने प्रकरणों को कंफर्म कर दिया गया है और अब हो रही कार्यवाही के प्रकरण अलग हैं।

35 थोक व रिटेल विक्रेताओं को मिली थी अनुमति :

इससे पहले वाधवानी की गिरफ्तारी के साथ ही अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठना शुरु हो गए हैं। अतिआवश्यक खाद्य सामग्री सड़ गई वहीं गुटखा को बचाने के लिए पूर्णलॉकडाउन के चलते स्थानांतरित करने की अनुमति आखिर कैसे दी गई। गुटखा आने वाली ग्रीष्म ऋतु के कारण खराब हो जाने की संभावना के चलते विक्रय और वितरण नहीं करने की शर्त पर अनुमति जारी की थी। अब सवाल यह उठता है कि बिना विक्रय किए किसी अन्य शहर स्थान पर गुटखा बचाया जा सकता था तो इंदौर में क्यों नहीं। सूत्रों की माने तो 35 थोक व रिटेल पान मसाला विक्रेताओं को जिले और जिले से बाहर गुटखा भेजने की एक अनुमति जारी की गई थी। ऐसे में इंटेलिजेंस एजेंसी वहां भी जांच करेगी क्या जहां लॉकडाउन के दौरान गुटखा स्थानांतरित किया गया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि वाहन क्रमांक और हम्मालों के नाम तो लिए गए लेकिन स्थानांतरित करने का स्थान क्यों नहीं लिया गया।

सब्जी बेचने वालों पर करते रहे शक, कैंसर बेचने वाले रहे मजे में :

लॉकडाउन के दौरान सब्जी बेचने और खरीदने वालों पर जिस तरह से जप्ती की कार्यवाही कर उसे नष्ट किया गया, उसी जिले में गुटखा को खराब होने से बचाने के लिए अनेक जतन किए गए। जिस जिले में सब्जी, फल, अनाज आदि खराब हो गए, उसे जप्त करके चिडिय़ाघर के जानवरों को खिला दिया या नष्ट कर दिया उस जिले मेंं गुटखा को खराब होने से बचाने के लिए कितनी शिद्दत से प्रयास किए गए। इस तरह करके कोरोना वैश्विक महामारी में कैंसर जैसी बीमारी बेचने और लोगों को मौत के मुंह में धकेलने की अनुमति देने जैसा लगता है। जिस समय गुटखा को खराब होने से बचाने के लिए स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई उस दौरान अन्य अतिआवश्यक खाद्य सामग्री जप्त कर नष्ट की जा रही थी, जो कि भारी मात्रा में सड़ भी गई। ड्रायफ्रूट सहित कई खाद्य सामग्री के थोक व खेरची व्यापारी माल खराब होने से परेशान थे। अब शहर में गुटखा के अवैधानिक तरीके से निर्माण और विक्रय करने का भंडाफोड़ केंद्र सरकार की दो इंटेलिजेंस एजेंसियों ने किया है तो इस बात की खलबली मची हुई है कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि गुटखा से कैंसर जैसी महाबीमारी फैलती है, इसलिए गुटखा जैसे खतरनाक सामग्री के विक्रय आदि पर कोरोना संक्रमण के चलते प्रतिबंध रहेगा, जो अब तक जारी है। ऐसे में इसके परिवहन की अनुमति कैसे व किसने दी ये अपने आप में एक सवाल है।

2011-12 में आई थी 400 करोड़ से अधिक की कर चोरी सामने :

केंद्र सरकार की दो इंटेलिजेंस एजेंसियों ने 30 मई से शहर के गुटखा तस्करों के यहां छापे और सर्चिंग शुरु की है। 13 जून तक इस कार्यवाही में 233 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है, अभी सिगरेट आदि की जोडऩा बाकि है। वर्ष 2011-12 में भी इसी तरह की बड़ी कार्यवाही सेंट्रल एक्साइज के तत्कालीन कमिश्नर के निर्देश और निगरानी में की गई थी तब 400 करोड़ से अधिक की कर चोरी सामने आई थी। वर्ष 2011-12 के प्रकरण भी लंबित हैं। सूत्रों की माने तो पुराने प्रकरणों में भी वर्तमान सेंट्रल एक्साइज कमिश्नर ने आदेश जारी कर दिए हैं। पुराना और नया मिलाकर एक हजार करोड़ की टैक्स चोरी का मामला सामने आ सकता है। हालांकि आधिकारिक रुप से इसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है।

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