राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपी जगदीश सागर लंबे समय से फरार था, लेकिन धारा-138 के अंतर्गत चेक बाउंस के मामले में चेकिंग के दौरान आरोपी जगदीश सागर धराया, विजय नगर पुलिस ने व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपी जगदीश सागर को हिरासत में लिया है। पुलिस आरोपी जगदीश सागर पूछताछ कर रही है पूछताछ के दौरान कई मामले सामने आ सकते हैं।
ऐसे हुआ आरोपी गिरफ्तार
इंदौर की विजय नगर थाना पुलिस ने बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के आरोपी जगदीश सागर को चेक बाउंस के मामले में गिरफ्तार किया है।
थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया
व्यापमं घोटाले के आरोपी जगदीश सागर को अदालत के एक स्थायी गिरफ्तारी आदेश (वारंट) के तहत गिरफ्तार किया गया है। जगदीश के विरुद्ध एक चेक बाउंस का प्रकरण लंबे समय से विचाराधीन है। अदालत के आदेशों पर उपस्थित न होने पर कल रात उसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आज आरोपी जगदीश को न्यायालय के समक्ष पेश कर सकती है।
मुख्य आरोपी को 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था
आपको बता दें कि, व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा 7 जुलाई, 2013 को पहली बार पीएमटी परीक्षा के दौरान तब हुआ, जब एक गिरोह का भंडाफोड़ इंदौर की अपराध शाखा ने किया। पुलिस ने 20 ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दायर किया। इन मामलों में परीक्षा देने वाले छात्र की जगह किसी और ने परीक्षा दी। इस मामले के मास्टर माइंड जगदीश सागर को पुलिस ने 16 जुलाई, 2013 को गिरफ्तार किया था।
अभियोजन के अनुसार 15 सितंबर 2013 को व्यापम द्वारा आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान भोपाल और दतिया के परीक्षा केन्द्रों में गड़बड़ी होने की सूचना मिली थी। इस संबंध में एसटीएफ ने टीमें गठित कर भोपाल और दतिया के परीक्षा केन्द्रों पर भेजी थीं।
एसटीएफ द्वारा चालान पेश किए जाने के बाद अदालत में 57 गवाहों के बयान भी दर्ज किए जा चुके थे।
मामले की सुनवाई अदालत में चल रही थी इसी बीच व्यापम मामलों को सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया गया।
सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर सभी 31 आरोपियों के खिलाफ पुन: विशेष अदालत में चालान पेश किया था।
CBI ने चालान के साथ 450 से अधिक महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अदालत में पेश किया था।
CBI की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान 90 गवाहों के बयान विशेष अदालत में दर्ज कराए गए थे। 345 छात्रों के रिजल्ट रद्द हुए थे।
26 अगस्त, 2013 को व्यापम घोटाले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई।
2013 को 3 महीने पहले प्री-मेडिकल टेस्ट की परीक्षा पास करने वाले 345 छात्रों का रिजल्ट रद्द कर दिया गया।
18 दिसंबर, 2013 को मध्यप्रदेश के पूर्व वरिष्ठ शिक्षा मंत्री पर केस दर्ज किया गया थी।
20 दिसंबर, 2013 को पूर्व उपाध्यक्ष उमा भारती ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
पुलिस आरक्षक भर्ती घोटाला-6 साल बाद आया कोर्ट का फैसला
व्यापम घोटाले मामले पर सीबीआई विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है, सीबीआई की विशेष अदालत ने वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश में हुए पुलिस भर्ती घोटाले के मामले में दोषियों को सजा सुना दी थी। दोषी पाए गए 31 लोगों में से 30 को 7-7 की कैद और दलाल सुनील त्यागी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इन सभी आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 21 नवंबर को दोषी करार दिया था दोषी करार आरोपियों में 12 परीक्षार्थी, 12 फर्जी परीक्षार्थी, सात दलाल समेत 31 आरोपियों को सजा 15 सितंबर 2013 को हुई थी।
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