MP कांग्रेस के नेतृत्व पर विश्वास सारंग ने उठाए सवाल, कमलनाथ को बताया सिख दंगों का आरोपी
Vishwas Sarang Taunt on Kamalnath: 1984 के सिख कत्लेआम को लेकर सीबीआई कोर्ट द्वारा दूसरे अभियुक्त जगदीश टाईटलर के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत करने के बाद प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को लेकर कांग्रेस नेतृत्व से सवाल किया है कि क्या, कांग्रेस सिख दंगों के आरोपी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव लड़ेगी? यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रविवार को पत्रकार-वार्ता के दौरान कही।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने पूरे घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि इस देश के इतिहास में 1984 का सिख कत्लेआम काले धब्बों में से एक है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं ने सिख भाई बहनों का कत्लेआम किया था। हजारों भाई बहन उस कत्लेआम में प्रभावित हुए थे। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह थी कि उस कत्लेआम में जिन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया था वह कांग्रेस के नेता थे।
विशेष रूप से दिल्ली में जो बड़े स्तर पर कत्लेआम किया गया था उसमें तीन कांग्रेस के नेताओं का हिस्सा लेना अलग अलग विषय पर सबूत के साथ जनता के सामने प्रस्तुत हुआ था। एक सज्जन कुमार दूसरे नं पर जगदीश टाईटलर और तीसरे कमलनाथ थे चौथे नेता इस दुनिया में नहीं हैं। यह तीन लोगों का नाम बहुत ही प्रमुखता से उस समय की घटनाओं में लिया गया था।
नानावटी आयोग एवं जांच एजेंसी के कारण सज्जन जेल में, टाईटलर की बारी
श्री सारंग ने कहा कि सन् 2000 के बाद इस पूरे विषय पर नानावटी आयोग ने जांच की और इसके बाद सीबीआई में यह मामला गया। परंतु वहीं दुर्भाग्य यह हुआ कि 2004 में कांग्रेस की सरकार आई और उसने इस मामले में लीपा-पोती कर दी और किसी दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। 2014 के बाद इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने काम किया और उसका परिणाम निकला कि सज्जन कुमार जेल में हैं और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
कल भी सीबीआई कोर्ट ने इस पूरे मामले में जिस दूसरे कांग्रेस के बड़े नेता का नाम आता है जगदीश टाईटलर का, उनके खिलाफ भी चार्ज शीट प्रस्तुत की है और वो भी जल्द ही जेल में होंगे। तीसरा नाम कमलनाथ है, निश्चित ही आने वाले समय में जो इस पूरे मामले में दोषी हैं, उनपर भी कार्यवाही होगी ऐसी उम्मीद है। जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं।
गवाहों की किताब में कमलनाथ का जिक्र :
उन्होंने कहा की जो बातें में तथ्य के रूप में बोल रहा हॅू। यह केवल हमने नहीं बोला अलग-अलग स्तर पर इस पूरे मामले में जो चश्मदीत गवाह हैं, उन्होंने भी विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग किताबों में इन दंगों को लेकर वास्तविकता का जिक्र किया है। श्री सारंग ने तत्कालीन क्राइम रिपोर्टर संजय सूरी की बात का जिक्र किया है कि उस दौरान वह गुरूद्वारा रकाबगंज में स्वयं उपस्थित थे। उस समय वहां 4-5 हजार की भीड़ का नेतृत्व कमलनाथ कर रहे थे और उन्होंने उस गुरूद्वारे में पानी की सेवा करने वालो को कमलनाथ के इशारे पर जिंदा जलाया गया था। इस बात का जिक्र एच.एस. फुल्का ने भी अपनी किताब में किया था।
सिख समाज की उम्मीद तीसरे दोषी कमलनाथ को भी मिले सजा :
श्री सारंग ने कहा कि सिख परिवार इस बात की अपेक्षा करते हैं कि तीसरे अभियुक्त कमलनाथ ने सिख दंगों के समय भीड़ का उकसाने का काम किया था, उन्हें भी सजा मिले। जब हम सार्वजनिक क्षेत्र या राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं तो किसी भी राजनीतिक दल का यह दायित्व है कि उसके किसी नेता पर इस प्रकार के कत्लेआम के दाग हैं, तो तुरंत प्रभाव से उनपर कार्यवाही होनी चाहिए। अगर कांग्रेस नेतृत्व कमलनाथ को पद से नहीं हटाता है, तो इससे यह स्पष्ट होता है कि उस समय के सिख कत्लेआम में कांग्रेस नेतृत्व का पूरा आशीर्वाद था और उसको करने के पीछे कांग्रेस नेतृत्व की मंशा थी। संपूर्ण देश का सिख समाज और पीड़ित परिवार वह इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द कमलनाथ को भी इसकी सजा मिलेगी।
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