इंदौर, मध्यप्रदेश। इंदौर के बीएम कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा की हत्या के मामले के आरोपी की कोर्ट में वकीलों द्वारा पैरवी नहीं करने की मांग उठाई गई है। इस संबंध में स्टेट बार कांउसिल ऑफ मध्यप्रदेश के सदस्य एच. जय हार्डिया ने कांउसिल को पत्र लिखा है।
पत्र में लिखा गया है कि बीएम फार्मेसी कालेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया, यह कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव की ओर से यदि कोई भी वकील कोर्ट में पैरवी करता है , तो मृतिका विमुक्ता शर्मा को न्याय नहीं मिलेगा।
आरोपी द्वारा किए गए जघन्य अपराध के लिए कठोरतम सजा मिलना चाहिए। इसके लिए इंदौर जिला कोर्ट का कोई भी वकील उसकी पैरवी नहीं करे। इस संबंध में स्टेट बार कांउसिल ऑफ मध्यप्रदेश बैठक बुलाकर निर्णय कर सकता है। कांउसिल सदस्य एच जय हार्डिया ने मांग की है कि सोमवार को ही इस मामले में निर्णय लेना जरूरी है।
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