12th Fail : मैं इंडस्ट्री में कलाकार बनने आया था हीरो नहीं, रिजेक्शन से भी सीखा -विक्रांत मैसी
हाइलाइट्स
27 अक्टूबर को रिलीज होगी विक्रांत मैसी की फिल्म 12वीं फेल।
सच्ची कहानी पर आधारित है फिल्म 12वीं फेल।
विक्रांत अपनी फिल्म 12वीं फेल के प्रमोशन के लिए आए भोपाल ।
12th Fail Released on 27th October : भोपाल। मैं कलाकार बनने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में आया था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे हीरो बनना है। आखिरकार आपका काम ही आपकी पहचान बनता है। इसलिए सामान्य कद काठी या फिल्मी बेक ग्राउंड नहीं होने की मुझे कभी चिंता नहीं रही। यह कहना है ओटीटी वेबसिरीज मिर्जापुर में बबलू पंडित के नाम से पहचाने जाने वाले हरफनमौला कलाकार विक्रांत मैसी का।
विक्रांत ने टीवी पर बालिका वधु से सफर की जो शुरूआत कि तो फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उन्होंने ओटीटी से लेकर बड़े पर्दे पर अलग-अलग जोनर के किरदार निभाए, उनका हर किरदार विशिष्ठ छाप छोडऩे में सफल रहा। शनिवार को विक्रांत अपनी आगामी फिल्म 12वीं फेल के प्रमोशन के लिए भोपाल आए। राजएक्सप्रेस ने उनसे फिल्म इंडस्ट्री, उनके फिल्मी सफर और फिल्म 12वीं फेल के बारे में विशेष चर्चा की, जिसके कुछ अंश प्रस्तुत हैं:
1. सबसे पहले फिल्म 12वीं फेल के बारे में बताइए।
फिल्म मेरे लिए बहुत ही स्पेशल है, अब तक जो भी किरदार निभाए हैं, उनसे अलग है। इतना वक्त मैंनें आज तक किसी फिल्म को नहीं दिया, जितना इस फिल्म को दिया है। दो महीने शूट चली,लेकिन इसके लिए डेढ़ साल तैयारी की।
2. 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले विधु विनोद चोपड़ा जैसे बड़े डायरेक्टर के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
मैंने डेढ़ साल तैयारी की, कहानी से सबंधित रियल लोगों से मिला, किरदार को समझा, यह मेरा लेवल आफ कमिटमेंट था,लेकिन विनोद सर का लेवल बहुत ही ज्यादा हाई है,कहीं भी समझौता नहीं करते हैं। यह भी कहूंगा किसी ने आज तक मुझे इतना नहीं निचोड़ा, जितना विनोद सर ने। वो ट्रू फिल्म मेकर हैं, जो सिनेमा जीते हैं,मुझे नहीं लगता कि वो फिल्म बनाने के सिवा कुछ और कर सकते हैं। उनके रूप में मुझे एक मेंटर मिला है, उनसे बहुत प्रेरणा मिली।
3. आपके किरदार दर्शकों पर विशेष छाप छोड़ते हैं, तैयारी कैसे करते हैं।
फिल्म की स्क्रिप्ट और डायरेक्टर के अनुसार तैयारी करता हूं, लेकिन कलाकार की स्पांटेनिटी और अपना खुद का टच भी होना चाहिए। स्पांटेनिटी नहीं होगी, तो सब बिखरा सा लगेगा। मैं इस पर भी फोकस करता हूं।
4. ओटीटी प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक कंटेंट दिखाए जाने पर आप क्या कहेेंगे?
सिनेमा और समाज एक दूसरे के साथ चलते हैं। मैं मानता हूं कि गलत कंटेंट पर सेंसरशिप और सर्टिफिकेशन होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है कि सब खराब बातें लोग वेबसीरिज या ऐसे कंटेंट से ही सीखते हैं। लोगों की खुद की च्वाइस है कि वो क्या देखें और किस कंटेंट से बच्चों को दूर रखें।
5. आपका पहले से कोई इंडस्ट्री कनेक्शन नहीं है, फिर भी अच्छा काम मिल रहा है, क्या कहेंगे?
हर साल 1800 से 2200 फिल्में बनती है। फिल्म बनाना बहुत ही खर्चीला प्रोसेस है, इसलिए उसकी सफलता सभी के लिए जरूरी होती है। इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बहुत है, मैं रिजेक्शन को लेकर पॉजिटीव रहता हूं, अगली बार और मेहनत करके अपने आपको पॉलिश करने का मौका मिलता है।
फिल्म बनाते हुए 66 से 71 साल का हो गया
थ्री इडियट, मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसी सुपर हिट फिल्में देनेे वाले निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 12वीं फेल आईपीएस मनोज शर्मा की सच्ची कहानी पर बनी है, जो 27 अक्टूबर को रीलिज हो रही है। विधु ने बताया कि जब फिल्म पर काम शुरू किया तो 66 साल का था अब 71 का हो गया हूं। यह फिल्म लाखों बच्चों के संघर्ष के बारे में है, जो जी-जान से यूपीएससी की तैयारी करते हैं।
भोपाल को बताया हेरीटेज और कल्चरल सिटी
चर्चा के दौरान फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली मेधा शंकर ने बताया कि ऑडिशन के समय विनोद सर ने कहा था कि परिणीता के लिए विद्या बालन के 26ऑडिशन लिए थे, तब मैंने कहा सर मेरे 26 हजार ऑडिशन ले लीजिए। मेरा रोल फाइनल हुआ तो बहुत खुशी हुई। वहीं फिल्म माई विशेष किरदार निभाने वाले अंशुमन ने बताया कि इतने बड़े बैनर में काम करके बहुत कुछ सीखा। विक्रांत ने भोपाल को एक शब्द में बयां करते हुए कहा हेरीटेज सिटी, मेधा ने फूड और अंशुमन ने इसे कल्चरल और थियेटर से जोड़ा। बताया कि जब फिल्म पर काम शुरू किया तो 66 साल का था अब 71 का हो गया हूं। यह फिल्म लाखों बच्चों के संघर्ष के बारे में है, जो जी-जान से यूपीएससी की तैयारी करते हैं।
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