ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उप चुनाव में किसकी किस्मत चमकेगी इसका फैसला होने में मात्र एक दिन बाकी है। ऐसे में प्रत्याशियों की धड़कने बढऩा स्वाभाविक है, क्योंकि अगर सिंधिया समर्थक भाजपा प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य इसी उप चुनाव पर टिका हुआ है। मतगणना के लिए भी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है और रविवार को कांग्रेस नेताओं ने एमएलबी कॉलेज पहुंचकर मतगणना स्थल का जायजा लिया।
प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था और उसके बाद से दोनों ही दल के समर्थक हार-जीत का गणित लगाने में लगे हुए हैं। एक्जिट पोल भी भाजपा को बढ़त दिखा रहा है, लेकिन कांग्रेस ने इस एक्जिट पोल को सिरे से नकारते हुए सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में जीत का दावा किया है। अब एक्जिट पोल कितने सटीक बैठते हैं इसका फैसला तो ईव्हीएम खुलने के बाद ही होगा। ग्वालियर जिले में तीन विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें दो सीट शहर की जबकि एक डबरा की है। उप चुनाव में सिंधिया समर्थक भाजपा प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है, क्योंकि अगर वह कांग्रेस से पीछे रहते है तो उनकी राजनीति पर कई अड़चनें आ सकती हैं। मतदान होने के बाद से ही भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों ने मंदिर जाकर जीत की कामना की और अपने समर्थकों से हर पोलिंग के हिसाब से वोट का गणित लगाकर हार-जीत का अंतर निकालने का काम किया। यही कारण है कि दोनों ही दल के प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आशान्वित है। अब एक विधानसभा में सिर्फ एक ही प्रत्याशी की जीत होगी ओर वह कौन होगा इसका निर्णय ईव्हीएम खुलने पर ही हो सकेगा।
अब एक दिन एक रात का खेल फिर ईव्हीएम उगलेगी राज :
उप चुनाव में दो मंत्रियों प्रद्युम्न सिंह तोमर व इमरती देवी की साख दांव पर है, जबकि कांग्रेस भी इस उप चुनाव को खासा अहम मान कर लड़ी थी। राजनीति में किस्मत का भी खासा खेल होता है, क्योंकि कई बार जो मजबूत प्रत्याशी लगते थे वह गणना के दौरान हार भी चुके है, यही कारण है कि मतगणना के लिए दोनों ही दल के प्रत्याशियों ने अपने ऐसे ऐजेंट तैयार किए है जो काफी सजग रहकर वहां पर नजर रख सकते है। हार-जीत के खेल में अब सिर्फ एक दिन एक रात का फासला बाकी है, ऐसे में दोनों ही दल के प्रत्याशियों की रात करवट बदलते कटेगी, क्योंकि उनको पता है कि मंगलवार को सुबह होते ही इस बात का अहसास हो जाएगा कि भोपाल जाने का रास्ता तय करना है कि नहीं। रविवार को कांग्रेस नेताओं ने एमएलबी कॉलेज पहुंचकर गणना स्थल का जायजा लिया, क्योंकि कमलनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि कांग्रेस नेता गणना पर कड़ी नजर रखे। उप चुनाव के नतीजे के बाद ही यह पता चलेगा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बरकरार रहती है या फिर कांग्रेस अपनी वापिसी करती है।
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