''टाइमिंग के खेल में व्यवस्था से हो रहा खिलवाड़'' दरअसल बस स्टैंड से निकलने वाली निजी बसों को चलने के लिए आरटीओ की तरफ से टाइमिंग दी गई है, टाइमिंग पूरी होते ही बसों को स्टैंड से रवाना कर दिया जाता है, लेकिन रास्ते में बसों पर सवारियों की संख्या बढ़ाने के लिए बस चालक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
होशंगाबाद, मध्य प्रदेश। जिला मुख्यालय पर नगर पालिका व जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते आधा दर्जन से अधिक अघोषित बस स्टैंड संचालित हो रहे हैं। इन अघोषित बस स्टैंडों से जहां शहर का स्वरूप बिगड़ रहा है, वहीं आमजन को भी आए दिन लगने वाले जाम से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यातायात को सुचारू करने के दम भरने वाले प्रशासन को यह खबर हकीकत से रू-ब-रू कराएगी।
शहर का बिगड़ैल यातायात और मुख्य मार्गों पर अघोषित बस स्टैंड राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। हालत यह है कि इन मार्गो से वाहन निकालना तो दूर पैदल चलना दूभर हो रहा है। बस चालक सरेआम बीच सड़क पर बसें खड़ी कर सवारियों को बैठाते हैं। इसकी जानकारी यातायात और आरटीओ को भी है, लेकिन अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।
सतरास्ता के पास स्थित बस स्टैंड से हर 24 घंटे में दर्जनों बसें प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए निकलती हैं। सड़क परिवहन विभाग के आदेशों के मुताबिक बसों को निर्धारित बस अड्डों पर रूकने के आदेश हैं, लेकिन बस चालक सवारियों की संख्या बढ़ाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
गैरेज लाइन के करीब से गुजरने वाले सबसे व्यस्त रेलवे ओव्हर ब्रिज के दोनों तरफ अघोषित बस स्टैंड बने हुए हैं। यहाँ सड़क के मोड़ पर ही बसों को खड़ा कर दिया जाता है, इससे दूसरे वाहनों को निकलने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, एक साथ सड़क के दोनों तरफ तीन से चार बसों को खड़ा कर दिया जाता है।
इसी तरह नर्मदा कॉलेज के सामने सर्किट हॉउस की तरफ से आने वाली बसों को खड़ा कर दिया जाता है। इससे राहगीरों को निकलना मुश्किल हो जाता है। यही हाल आनंद नगर और मीनाक्षी चौक तथा हरियाली चौक पर भी रहता हैं। बस चालकों की मनमानी को रोकने के लिए आरटीओ की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके कारण आमजन का अवागमन सुलभ नहीं हो पा रहा है।
इसी संबंध में आज बस ऑपरेटरों की बैठक बुलाई गई है। सभी को समझाइश दी जाएगी। नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
आशीष पॅवार, यातायात प्रभारी
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