Ujjain: नए साल पर बाबा महाकाल की नगरी में महाकालेश्वर मंदिर की 'शीघ्र दर्शन व्यवस्था’ बंद
हाइलाइट्स :
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में देखने को मिलती है काफी भीड़
नए साल के मौके पर मंदिर की शीघ्र दर्शन की व्यवस्था को किया गया बंद
इस व्यवस्था के तहत दर्शनार्थी 250 रुपए की टिकिट लेकर महाकालेश्वर के करते थे दर्शन
Ujjain Mahakal: धार्मिक नगरी उज्जैन पूरी दुनिया में काफी मशहूर है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल मंदिर स्थित है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिलती है, ऐसे में नए साल 2024 के मौके पर देश के विभिन्न प्रांतों से श्री महाकालेश्वर मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर में शीघ्र दर्शन व्यवस्था को बंद किया गया है।
बता दें, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर की शीघ्र दर्शन व्यवस्था के तहत दर्शनार्थी 250 रुपए की टिकिट लेकर भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करते थे। इस संबंध में जारी निर्देशों के अनुसार ऐसे दर्शनार्थी जिन्हें सिर्फ महाकाल लोक में जाना है, वे चारधाम मन्दिर से पृथक लाइन में प्रवेश कर पिनाकी द्वार से महाकाल लोक में प्रवेश करेंगे। इसके बाद वे इसी द्वार से बाहर निकलेगें। इसी तरह श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने पर फेसिलिटी सेन्टर-1 से मन्दिर परिसर निर्गम रेम्प, गणेश मण्डपम एवं नवीन टनल दोनों ओर से श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था की जायेगी।
श्रद्धालु दर्शन करने उपरान्त गेट नम्बर-10 अथवा निर्माल्य द्वार के रास्ते बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
श्रद्धालुओं के लिये भस्म आरती के दौरान ‘चलित भस्म आरती’ दर्शन की व्यवस्था प्रात: से की जायेगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मन्दिर परिक्षेत्र के चारों ओर अस्थायी रूप से चयनित स्थानों पर पूछताछ एवं सहायता केन्द्र स्थापित किये जायेंगे।
सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मन्दिर परिक्षेत्र एवं सम्पूर्ण दर्शन मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जायेगी।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश-
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अपने निर्देश में कहा- दर्शनार्थियों को भगवान महाकालेश्वर के दर्शन आसानी से हो, इसकी समुचित व्यवस्था की जाए। बुजुर्ग एवं दिव्यांगों को अवन्तिका द्वार के एक नम्बर गेट से प्रवेश देकर उन्हें सुलभ दर्शन कराया जाए। महाकाल लोक पर प्रसाद काउंटर लगाने के साथ ही दर्शनार्थियों के निर्गम होने के स्थल पर भी प्रसाद कांउटर लगाए जाए, ताकि श्रद्धालु आसानी से प्रसाद ले सकें। श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने के कारण कतारबद्ध दर्शन कराये जाने के लिये मजबूत बैरिकेडिंग की जाए।
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