19 जून को सामने आएगा सतपुड़ा भवन की आग का सच, सरकार को सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट
भोपाल। सतपुड़ा भवन में लगी आग की जांच पूरी हो गई है। जांच समिति अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को सरकार को सौंप देगी। जांच कमेटी ने एफएसएल रिपोर्ट और विशेषज्ञों की समिति के जांच प्रतिवेदन नहीं आने के चलते सरकार को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी थी। जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के लिए कमेटी ने 19 जून तक का समय लिया था। अब सोमवार को विस्तृत जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट में सतपुड़ा भवन में लगी आग की सच्चाई सहित अन्य कारणों का पता चलेगा।
गौरतलब है कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सतपुड़ा भवन में लगी आग बंद कमरे में हुए ब्लास्ट से फैली होना बताया जा रहा है। जिस कमरे में ब्लास्ट हुआ, वहां के अधिकारी वीरेंद्र सिंह छुट्टी पर थे। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में आग के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया है। अब सोमवार को सरकार को सौंपी जाने वाली जांच रिपोर्ट में आग लगने और आग बुझाने में हुई लापरवाही सहित अन्य कारणों का भी खुलासा हो सकता है। सतपुड़ा भवन में 12 जून को दोपहर के समय आग लगी थी, जो देखते ही देखते छठवीं मंजिल तक पहुंच गई थी। नगर निगम सहित तमाम अमला आग पर काबू पाने में नाकाम हो गया था, तब सेना को मदद के लिए बुलाना पड़ा था। स्थिति एयरफोर्स को बुलाने तक की आ गई थी।
इस घटना पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग लगने के प्रारंभिक कारणों को जानने कमेटी पहले दिन ही बना दी थी। कमेटी में एसीएस होम राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखबीर सिंह और एडीजी फायर आशुतोष राय को शामिल किया गया है। जांच कमेटी ने तीन दिन तक लगातार सतपुड़ा भवन जाकर तमाम बिंदुओं पर जांच की है। इस दौरान कमेटी ने लोक निर्माण विभाग के ई एंड एम विंग के वरिष्ठ इंजीनियर्स, फायर सेफ्टी इन्स्पेक्टर सहित लगभग 30 कर्मचारी-अधिकारियों के बयान लिए हैं।
आग की घटना के बाद किए जा रहे कई उपाय
सतपुड़ा भवन में लगी आग से कई सवाल उठ रहे हैं। महज छह मंजिल के सतपुड़ा भवन की आग को बुझाने में 19 घंटे का समय लग गया था। सवाल उठने लगे हैं कि राजधानी में ही कई बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं। अगर इन इमारतों में इस तरह की घटना हो जाए, तो आग पर कैसे काबू पाया जाएगा। इस घटना से सबक लेते हुए सरकार आपदा संबंधित उपकरणों की खरीदी से लेकर आपदा प्रबंधन का पूरा काम एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को सौंपे जाने की तैयारी में है। इसके अलावा सरकारी विभागों के कर्मचारियों को आग लगने सहित अन्य आपदा की स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
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