Truck Driver Protest : मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और हरियाणा समेत देश भर में हिट एंड रन क़ानून का विरोध जारी
हाइलाइट्स :
ड्राइवर्स के विरोध के चलते पेट्रोल की सप्लाई प्रभावित।
पेट्रोल पंप पर वाहनों की लम्बी कतारें।
हड़ताल के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप्प।
भोपाल, मध्यप्रदेश। देश के अलग - अलग राज्यों में हिट एंड रन कानून का विरोध जारी हैं। दरअसल ये ट्रक, बस और कैब ड्राइवर हिट एंड रन कानून का विरोध करने सड़कों पर उतरे हैं। ड्राइवर्स के विरोध के चलते पेट्रोल की सप्लाई प्रभावित है। इससे पेट्रोल पंप पर वाहनों की लम्बी कतारें हैं। ड्राइवर्स का ये विरोध मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में देखा जा रहा है।
यदि यह विरोध लम्बे समय तक चलता है तो इसका असर दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव फल और सब्जियों की सप्लाई पर होगा। फिलहाल बसों के बंद होने से यात्री परेशान हैं। बस स्टैंड पर बस खड़ी करके वाहन चालक चले गए। इससे कई यात्रियों को वापस लौटना पड़ा।
हड़ताल के चलते यहाँ पड़ा प्रभाव :
बच्चों के स्कूल पर -
बस ड्राइवर की हड़ताल का असर यातायात पर तो पड़ ही रहा है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल समेत कई शहरों में ड्राइवर्स की हड़ताल के चलते बस बंद है। बस के बंद होने से छात्र स्कूल नहीं पहुँच पा रहे। इस कारण कुछ विद्यालयों ने अवकाश का मेसेज पेरेंट्स को भेज दिया है।
पेट्रोल के लिए सोमवार से लगी लम्बी कतारें -
ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल का एक असर पेट्रोल डीजल की सप्लाई पर भी देखा जा रहा है। ईंधन के लिए सोमवार को भी वाहनों की लम्बी - लम्बी कतारें देखी है। मंगलवार सुबह से लोग पेट्रोल पंप पर खड़े थे। ये हाल केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान, जम्मू - कश्मीर, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश समेत देश के कई राज्यों का है।
यात्रा प्रभावित -
इस हड़ताल का सीधा असर यात्रियों की आवाजाही पर पद रहा है। ट्रक ड्राइवर्स के इस विरोद को कैब ड्राइवर्स और ऑटो चालकों ने भी समर्थन दिया है। आने - जाने का साधन न होने पर कुछ लोग काम के लिए दफ्तर भी नहीं पहुँच पा रहे हैं।
क्यों हो रहा है विरोध :
आईपीसी में संशोधन किया गया और भारतीय न्याय संहिता बनाई गई। इसके तहत हिट एंड रन मामलों में सजा बढ़ दी गई है। कानून में संशोधन करते हुए दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया है, जबकि इससे पहले,आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी। इस कानून के विरोध में AIMTC (All India Motor Transport Congress) ने संशोधन का विरोध करते हुए देश भर में हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के तहत देश भर में ट्रांसपोर्टर अघोषित हड़ताल पर चले गए हैं।
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