हाइलाइट्स :
भोपाल भी ग्रीन कवर को लेकर हुआ जाग्रत
अब निर्माण कार्यों के लिए नहीं काटे जाएंगे पेड़
1800 पेड़ों का होगा निर्माण कार्य क्षेत्र से स्थानांतरण
एक पेड़ स्थानांतरण का खर्च लगभग 1.5 लाख रुपये
राज एक्सप्रेस। भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट अथॉरिटीज़ का मानना है कि, भोपाल में निर्माण कार्यों के लिए अब तक सैंकड़ों पेड़ काटे जाने के बाद अब फाइनली भोपाल भी ग्रीन कवर को लेकर जाग्रत हो गया है, क्योंकि भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BSCDCL) ने रविवार को कुछ 1,800 पेड़ों को काटने की बजाय उन पेड़ों का स्थानांतरण (Trees Translocate) करने का फैसला लिया है।
पेड़ों के स्थानांतरण से है पेड़ सुरक्षित :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पेड़ों को काटने से अच्छा उपाय पेड़ों का स्थानांतरण कर देना है क्योंकि ऐसा करने से पेड़ों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है, ये जैसे एक स्थान पर फल-फूल रहे होते है इन्हे वैसा ही पूरा जड़ से खोद कर दूसरे स्थान पर जड़ सहित लगा दिया जाता है।
किस स्थान पर होगा पेड़ों के स्थानांतरण :
नए नियमों के अनुसार, भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BSCDCL) टीटी नगर में लगे पेड़ों का सर्वेक्षण कर उनको स्थानांतरित करेंगे, ऐसा करने में अनुमानित 30 लाख रुपये के आसपास की लागत लगेगी, इन पेड़ों को टीटी नगर से हटा कर स्थानांतरित करने के लिए श्यामला हिल्स और कलियासोत की सड़क को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों में पहले लगभग 300 पेड़ों को कलियासोत पर लगाया जाएगा जिसके लिए 800 से भी ज्यादा ट्रक भर के मिट्टी अपर लेक (Upper Lake) के पास स्मार्ट सड़क निर्माण स्थल से लाई जाएगी।
वन विभाग के अनुसार :
वन विभाग के अनुमान के अनुसार, स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट एरिया में 70 से अधिक प्रजातियों के करीब 5,700 पेड़ हैं, जिनमे से कई पहले ही काटे जा चुके हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट जिसमें बताया गया था कि, जुलाई में भोपाल के स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट के लिए सैकड़ों पेड़ों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था, जिनमें से एक बड़ा नुकसान शिवाजी नगर में स्मार्ट सिटी विकास के दौरान भी हुआ था, बाद में इसी स्थान को टीटी नगर क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया जहां अब काम चल रहा है।
स्मार्ट सिटी योजना के अनुसार :
2017 में प्रस्तुत स्मार्ट सिटी योजना के अनुसार, BSCDCL ने टीटी नगर में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए 80% ग्रीनरी बनाये रखने और इनके लिए उपाय करने का संकल्प लिया था परन्तु कई साल पहले भोपाल में बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) के निर्माण के दौरान 1,000 से अधिक पेड़ काट दिए गए थे। अब विशेषज्ञ स्मार्ट सिटी निर्माण के लिए पेड़ों का स्थानांतरण करेंगे और एक पेड़ की स्थानांतरण में लगभग 1.5 लाख रुपये का खर्च आएगा। हालांकि, भोपाल के मध्य में कम ग्रीनरी के पारिस्थितिक प्रभाव का मूल्यांकन किया जाना बाकी है।
एक पर्यावरण और अपर लेक विशेषज्ञ ने बताया कि,
"जिला प्रशासन ने इस साल की शुरुआत में ही ‘Green Bhopal, Cool Bhopal’ लक्ष्य के तहत 11 लाख पौधे लगाने की घोषणा भी की गई थी, लेकिन लगाए कुल 4.32 लाख पौधे ही गए है, जिसका सिविल सोसाइटी के पास कोई सत्यापन नहीं है। इसके अलावा पर्यावरण से जुड़े लोग और सोशल सोसाइटी इसकी निगरानी में शामिल नहीं हुए हैं।"
पर्यावरण और अपर लेक विशेषज्ञ
भोपाल में प्रदूषण का स्तर :
भोपाल में आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर उच्चतम में से एक है। निर्माण कार्यों की गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए, आगे भी वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना है।
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