आज सैम मानेकशॉ और निर्मल वर्मा की जयंती
आज सैम मानेकशॉ और निर्मल वर्मा की जयंतीSocial Media

जयंती विशेष : आज सैम मानेकशॉ और निर्मल वर्मा की जयंती, मुख्यमंत्री ने इस तरह किया याद

जयंती विशेष : सैम मानेकशॉ और निर्मल वर्मा की जयंती पर उन्हें देश याद कर रहा है, इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें नमन किया हैं।
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जयंती विशेष : युद्ध कौशल एवं सशक्त सेनापति होने के साथ-साथ, निर्भीक व्यक्तित्व वाले, देश के प्रथम फील्ड मार्शल, सैम मानेकशॉ और ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, मूर्धन्य कथाकार स्व. निर्मल वर्मा की आज जयंती है। सैम मानेकशॉ और निर्मल वर्मा की जयंती पर उन्हें देश याद कर रहा है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें किया नमन

सीएम शिवराज ने सैम मानेकशॉ को किया याद

सैम मानेकशॉ की जयंती पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को पराजित कर उसके 90 हज़ार से अधिक सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर देने वाले, प्रथम फील्ड मार्शल Sam Manekshaw की जयंती पर कोटिश: नमन् करता हूं! आपकी बहादुरी, साहस, बेबाकी और ज़िंदादिली की कहानियां सदैव युवा पीढ़ी को प्रेरित करते रहेंगे।

नरोत्तम मिश्रा ने भी किया ट्वीट :

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- 1971 की जंग में पाकिस्तान को धूल चटाने वाले भारतीय सेना के प्रथम फील्ड मार्शल पद्मविभूषण सैम मानेकशॉ जी की जयंती पर शत-शत नमन। मानेकशॉ जी के सैनिक नेतृत्व ने राष्ट्र को पराक्रम का जो सर्वथा नया आत्मविश्वास दिया, मैं उस जज्बे को सलाम करता हूं।

भारतीय सेना के अध्यक्ष थे सैम मानेकशॉ :

सैम मानेकशॉ भारतीय सेना के अध्यक्ष थे जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त की थी। अदम्य साहस और युद्धकौशल के लिए मशहूर, भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम दस्तखत करने वाले सबसे ज्यादा चर्चित और कुशल सैनिक कमांडर पद्म भूषण, पद्म विभूषण सैम मानेकशॉ भारत के पहले 'फ़ील्ड मार्शल' थे।

निर्मल वर्मा की जयंती पर सीएम ने किया नमन :

निर्मल वर्मा की जयंती पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर नमन किया है। सीएम शिवराज ने लिखा- ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, मूर्धन्य कथाकार स्व. निर्मल वर्मा जी की जयंती पर नमन् करता हूं। परिंदे, वे दिन,लाल टीन की छत, चीड़ों पर चांदनी जैसी अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ अपनी रचनाओं के माध्यम से आप सदैव साहित्य प्रेमियों के हृदय में जीवित रहेंगे। बताते चलें कि निर्मल वर्मा हिंदी के एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे, शिमला में 3 अप्रैल, 1929 को निर्मल वर्मा का जन्म हुआ था।

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