TIGER : किसान की जान लेना वाले बाघ की दहशत, वन विभाग ने ग्रामीणों से कहा घर में रहे
इंदौर, मध्यप्रदेश। खण्डवा जिले में किसान की जान लेना वाला बाघ की दहशत ग्रामीण इलाकों में फैल गई है। बाघ की तलाश में इंदौर, खरगौन सहित अन्य क्षेत्र के वन विभाग अधिकारी और कर्मचारी यहां डेरा जमाए हुए है। बाघ हाल ही में पंधाना के ग्राम गवला में खेतों में खड़ी फसल के बीच घूमता किसानों ने देखा है। इसके बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को घर के बाहर न निकलने की हिदायत दी है।
जानकारी के अनुसार बीते दिन गवला गांव में किसानों को फसल के बीच बाघ दिखाई दिया। किसानों ने एकात्रित होकर बाघ को वहां से भागने का प्रयास किया इसी दौरान सन्तोष भास्करे नामक किसान पर बाघ ने हमले कर घायल कर दिया। किसानों और ग्रामीणों के शोर मचाने पर बाघ उस समय दूर भाग गया। इधर घायल किसन सन्तोष भास्करे पहले स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। दूसरे दिन घायल के शरीर में संक्रमण फैलने से उसे गंभीर हालत में इंदौर रैफर किया गया। इंदौर ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
किसान की मौत के बाद दहशत बढ़ी
बाघ के हमले से घायल हुए किसान की मौत के बाद ग्रामीण इलाकों में दहशत बढ़ गई है। ग्रामीणों ने बाघ को पकडऩे की अपील अधिकारियों ने की। ममाले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने गवला गांव में बाघ को पकडऩे का अभियान शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि बाघ को पकडऩे के लिए ट्रेंकुलाइजर गन वन अमला उपयोग करेगा। अभियान प्रभारी शेर सिंह का कहना है कि बाघ को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पिंजरा लगा दिया गया है, बाघ का इंतजार है।
इस इलाके में नहीं है बाघ
वन अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में जंगल नहीं होने से बाघ यहां विचरण नहीं करते है। गवला गांव के आसपास घूम रहा बाघ महाराष्ट्र के थवला या अन्य टाईगर अभ्यारण से इस तरफ आया है। इस इलाके में बाघ के मूवमेंट की जानकारी अब से पहले कभी नहीं मिली है।
घर में कैद हो गए ग्रामीण
वन विभाग की हिदायत के बाद सभी ग्रामीण घर में कैद हो गए है, उन्हें इंतजार है बाघ के पकडें जाने का..। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बाघ को पकडऩे में ज्यादा दिन लगते है तो उनकी परेशानी बढ़ेगी।
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