भोपाल, मध्य प्रदेश। लव जिहाद के लिए किए जाने वाले धर्मांतरण को लेकर मध्य प्रदेश में और अधिक कड़े कानून की मांग तेज हो गई है। अभी इस मामले में पांच साल की सजा की बात कही जा रही थी, लेकिन यह सजा 10 साल तक हो सकती है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के बयान से यह लगभग तय होने लगा है कि विधेयक में सजा की अवधि बढ़ सकती है। शर्मा ने कानून में 10 साल तक की सजा का प्रविधान करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा था कि सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए विधेयक लाने जा रही है। इसे अगले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें दोषियों के लिए पांच साल तक की सजा का प्रविधान किया जाएगा। बुधवार को शर्मा ने कहा कि सीता को रूबिया नहीं बनने देंगे। शिवराज सरकार द्वारा इस दिशा में कानून बनाने के प्रयास का स्वागत है, लेकिन कानून और कड़ा होना चाहिए। लव जिहादियों को कम से कम 10 साल की सजा का प्रवधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभिनेत्री नरगिस और सुनील दत्त जैसा सच्चा प्यार कितने लोगों का है। लव जिहाद पाकिस्तान और आतंकी संगठन आईएसआईएस की साजिश है। ये लोग बेटियों को बहला-फुसलाकर या अपनी पहचान बदलकर फंसाते हैं, उनसे दुष्कर्म करते हैं और बाद में मौत के घाट उतार देते हैं। इन्हें सबक सिखाने के लिए सजा में और कड़े प्रविधान करने की जरूरत है। लव जिहाद को लव बताने वालों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि जिसके घर की बेटी इस साजिश का शिकार होती है उनसे इसका दर्द समझना चाहिए। उन्होंने बिहार से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए लिखा है कि सात साल तक की सजा वाले अपराधों में जमानत दिए जाने के संबंध में उदारतापूर्वक रवैया अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। 10 साल से कम दंडनीय अपराधों में अपराधी को 60 दिनों में जमानत देने का प्रविधान है, जबकि अन्य गंभीर अपराधों में यह अवधि 90 दिन की है। लव जिहाद में सजा 10 वर्ष की जाए तो अपराधियों में भय व्याप्त होगा और उन्हें जल्द जमानत नहीं मिलेगी। इससे इस कानून की मंशा पूरी हो सकेगी।
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