लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री की पत्नी को 3 साल कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा
भोपाल । (खालिद हफीज) लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री की पत्नी को आय से अधिक संपत्ति मामले में विशेष न्यायाधीश (लोकायुक्त संगठन) डॉ. धर्मेद्र कुमार टाडा की अदालत ने 3 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपित अधीक्षण यंत्री की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। विशेष न्यायाधीश ने चल-अचल संपत्ति को अनुपातहीन संपत्ति मानते हुए 40 हजार रुपए नगद एवं सोने के जेवरात सहित कुल 15 लाख 59 हजार केंद्रीय सरकार में अधिग्रहित जाने के आदेश भी दिए हैं।
26 फरवरी 2009 को लोक निर्माण विभाग अधीक्षण यंत्री के घर पर कार्यवाही की गई थी, जिसमें जितेन्द्र भासने द्वारा आय से अधिक संपत्ति पाई गई थीं। जितेन्द्र की पत्नी द्वारा आईसीआईसीआई जीवन बीमा में अपने नाम से एवं बच्चों के नाम से व पति के नाम से करोड़ों का निवेश किया था जिसकी सूचना विभाग को भी नहीं दी गई थी, यह भी बताया नहीं गया था कि उनके पास इतना नगद धन कहा था से आया। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन ने खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) (ई) और 13 (2) एवं भा.दं.सं. की धारा-120 (ख) के तहत अपराध दर्ज कर अदालत में पेश किया गया था।
लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री की पत्नी को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विशेष न्यायाधीश ( लोकायुक्त संगठन ) डॉ.धर्मेद्र कुमार टाडा की अदालत ने दोषी ठहराते हुए 3 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले के आरोपी तत्कालीन अधीक्षण यंत्री की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों की चल-अचल संम्पत्ति को अनुपातहीन संपत्ति मानते हुए 40 हजार रुपए नगद एवं सोने के जेवरात सहित कुल 15 लाख 59 हजार केन्द्रीय सरकार में अधिहृत किए जाने के आदेश भी दिए हैं। अभियोजन के अनुसार 26 फरवरी 2009 को आयकर विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री के घर पर छापे की कार्यवाही की गई थी जिसमें आरोपी जितेन्द्र भासने द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किया जाना पाया था।
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