यूपी की तरफ जा रही मादा चीता को ट्रैंकुलाइज कर कूनो लाए, फिर वापस जंगल में छोड़ा
भोपाल। कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर निकलकर यूपी की तरफ जा रही मादा चीता को ट्रैंकुलाइज (इंजेक्शन लगाकर बेहोश) रविवार को कूनो लाया गया। मादा चीता वापस कूनो की सीमा की तरफ नहीं आ रही थी। इसके चलते उसे ट्रैंकुलाइज किया गया। पहले उसके वापस आने का इंतजार किया जा रहा था, जब वह खुद वापस नहीं आई, तो उसे बेहोश कर वापस लाया गया। इसके बाद सोमवार को उसे फिर कूनो के खुले जंगल में छोड़ दिया है।
गौरतलब है कि वर्तमान में नौ चीते खुले जंगल में हैं। इन्हें संभालना चुनौती बना हुआ है। आशा चीता बार-बार कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर जा रही है। इसके चलते इसे ट्रैकुलाइज कर वापस कूनो लाया गया है। वह खुद से कूनो की सीमा में नहीं आ रही थी। पहले आशा चीता माधव नेशनल पार्क की सीमा थी। माधव नेशनल पार्क को पार करते हुए अशोकनगर की ओर बढ़ गई। पिछले कुछ दिन से यह अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के पास के जंगल में रुकी हुई थी। आगे आबादी क्षेत्र होने से पार्क के अधिकारियों ने इसको पकड़कर लाना तय किया। इससे पहले दो बार कूनो से बाहर गए पवन चीता को भी शिवपुरी के पास से ट्रेंकुलाइज कर वापस कूनो लाया जा चुका है। बार-बार कूनो से बाहर जाने की वजह से उसे अब बाड़े में ही रखा गया है।
कालर आईडी से किया चीता को ट्रेस
मादा चीता आशा यूपी सीमा की ओर जाने की भी आशंका थी, इसलिए उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। तीन डाक्टर और नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा, शिवपुरी सामान्य वन मंडल की टीम कालर आइडी से ट्रेस करते हुए आशा के पास पहुंची। ईशागढ़ के पास से वनकर्मियों ने घेरा बनाए रखा। रविवार सुबह टीम ने प्रयास किया, लेकिन गन का निशाना चूकने की वजह से सफल नहीं हो सके। इसके बाद टीम ने रविवार शाम से प्रयास किया तो विशेषज्ञों ने नजदीक पहुंचकर विशेष एयरगन से इंजेक्शन का निशाना लगाया। चीता थोड़ा छटपटाने के बाद बेहोश हो गया। डाक्टर और चीता एक्सपर्ट ने उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसे पिंजरे में डाल दिया। देर शाम टीम आशा को लेकर कूनो पार्क पहुंची। सोमवार को उसे कूनो के खुले जंगल में छोड़ दिया।
निगरानी के लिए कर्मचारियों की कमी
कालर आइडी के माध्यम से चीतों की ट्रैकिंग कर रहे दलों की कूनो नेशनल पार्क में कमी बनी हुई है। इस वजह से कूनो के घुले जंगल में घूम रहे चीतों की निगरानी करना मुश्किल हो रहा है। हालांकि जल्द ही पार्क में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अभी 3 दल 24 घंटे निगरानी करते हैं। कुछ दिन बाद चार दल 24 घंटे निगरानी करेंगे। वर्तमान में पार्क में स्वीकृत संख्या से 50 कर्मचारी कम हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है।
इनका कहना है
आशा चीता कूनो नेशनल पार्क की सीमा से ज्यादा दूर निकल गई थी। इसके चलते उसे ट्रैंकुलाइज कर वापस लाया गया और फिर कूनो के जंगल में छोड़ दिया है।
जेएस चौहान, पीसीसीएफ, वन्य प्राणी
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।