शिवराज सरकार में महाकौशल की लगातार उपेक्षा और अजय विश्नोई के ट्वीट के मायने

यक्ष प्रश्न- क्यों घटता जा रहा महाकौशल का राजनीतिक कद? क्या कद्दावर और प्रभावी नेताओं का है टोटा? या फिर कहानी है कुछ और!
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई...
जुबां पे दर्द भरी दास्तां चली आई...- Social Media
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हाइलाइट्स –

  • विश्नोई का ट्वीट चर्चा में

  • क्या CM पर साधा निशाना?

  • कभी था मिनिस्टर वाला रुतबा

राज एक्सप्रेस। जबलपुर निवासी पाटन विधायक अजय विश्नोई के ट्वीट के बाद मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में शिवराज सरकार मंत्रिमंडल गठन पर चर्चा गहन हो गई है। यह पहला मौका नहीं है जब कभी मंत्री रहे विश्नोई ने अपने ही दल बीजेपी के मुख्यंत्री को घेरा हो!

ट्वीट के मायने -

मौजूदा पाटन विधानसभा विधायक और पूर्व मंत्री, देश के विकास के लिए संघर्षशील एक राजनेता और इससे भी ऊपर आत्मा से सच्चे भारतीय (ट्विटर-परिचय) अजय विश्नोई ने ट्वीट की आड़ में शिवराज पर प्रहार किया है।

लोगों का कहना है, ग्वालियर, चंबल, भोपाल, मालवा, सागर, शहडोल संभाग के मुकाबले महाकौशल और रीवा को कम वरीयता देने की आड़ में विधायक विश्नोई ने एक तरह से खुद की उपेक्षा की फड़फड़ाहट व्यक्त की है। आप भी ट्वीट में खुद पढ़िये - 'महाकौशल' अब उड़ नहीं सकता फड़फड़ा सकता है!

ट्वीट और भी हैं –

सोशल मीडिया पर विश्नोई के ट्वीट में कई यूज़र्स ने सहमति जताई है कि शिवराज सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। किसी को पटवारी वेटिंग अभ्यर्थी पद पर नियुक्ति का इंतजार है, तो किसी को प्रदेश के जिलों के प्रभारियों का प्रभार अब तक न सौंपे जाने पर रोष है। आप भी पढ़ें यूज़र्स की खुद की कलम से जिसमें प्रशांत द्विवेदी के विचार सबसे जुदा हैं। –

खरी-खोटी और सहानुभूति -

दरअसल विश्नोई के ट्वीट के समर्थन में जहां कई लोगों ने अपने विचार रखे हैं तो वहीं विधायक महोदय को खरी-खोटी सुनाने वालों की भी कमी नहीं। किसी का मानना है कि विश्नोई को पद की लालसा है तो वहीं किसी को सहानुभूति भी। एक सज्जन ने तो एमएलए विश्नोई को पद न मिलने पर बधाई देकर एक तरह से जख्मों पर नमक छिड़क दिया है।

विश्नोई का खुद सीएम को चैलेंज!

आपको पता चले कि 8 जनवरी को दो ट्वीट में एक तरह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुला चैलेंज दिया है। दरअसल पाटन विधायक ने मुख्यमंत्री चौहान को प्रदेश के सभी जिलों की समस्याओं की याद दिलाई है।

विश्नोई ने सीएम को चौथी बार प्रदेश का मुखिया बनने की पहली वर्षगांठ पर बधाई देकर वायदे के अनुसार जबलपुर एवं रीवा का प्रभार स्वयं ग्रहण करने का भी अनुरोध किया है।

सीएम का जवाब –

खुद सीएम अपने दल के विधायक के जिलों का प्रभारी मंत्री बनने का जवाब देते इसके पहले ही विधायक को इसका सीधा-सपाट जवाब भी मिल गया।

मध्यप्रदेश में सरकार मंत्रिमंडल में ग्वालियर, चंबल, भोपाल, मालवा क्षेत्र का हर दूसरा भाजपा विधायक मंत्री है। सागर, शहडोल संभाग का हर तीसरा भाजपा विधायक मंत्री है। महाकौशल से किसी का न होना वाकई चिंताजनक है क्योंकि अब जबलपुर बीजेपी का गढ़ भी माना जाता है। क्या वाकई महाकौशल और विंध्य को अब खुश रहना होगा, खुशामद करते रहना होगा?

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