तीन दिन से भेल इलाके में आंदोलन जारी
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करणी सेना ने फूंका सीएम का पुतला, मंत्री भदौरिया बोले- चर्चा के माध्यम से निकलेगा रास्ता

भोपाल, मध्यप्रदेश: तीन दिन से भेल इलाके में आंदोलन जारी है। इस आंदोलन के दौरान गुस्साए करणी सेना ने सीएम का पुतला फूंक दिया।
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भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी भोपाल में करणी सेना परिवार का आंदोलन तेज होता जा रहा है। तीन दिन से भेल इलाके में आंदोलन जारी है। इस आंदोलन के दौरान गुस्साए करणी सेना ने आगर और शाजापुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुतले जलाए। करणी सेना परिवार के मांग पत्र में शामिल 22 मांगों को पूरा करने के लिए ये आंदोलन कर रही है। करणी सेना के लोग अपनी 21सूत्रीय मांगों का लिखित में सरकार की ओर से निराकरण के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं इसी पर मंत्री भदौरिया ने चर्चा करते हुए करणी सेना के साथ समझाइश दी है।

जंबूरी मैदान से एमपी नगर के लिए बढ़ रहे आंदोलनकारी :

भोपाल में करणी सेना परिवार का आंदोलन तेज होता जा रहा है। तीन दिन से भेल इलाके में आंदोलन जारी है। करणी सेना परिवार और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। सोमवार को करणी सेना परिवार के प्रमुख अपने साथियों के साथ जंबूरी मैदान से एमपी नगर के लिए बढ़ रहे थे, जहाँ उनको पुलिस ने बैरिकेडिंग करके भेल के गांधी चौराहे पर ही रोक दिया।करणी सेना के लोग आज मंगलवार को भी अवधपुरी जाने वाली रोड पर ही धरने पर बैठे हुए हैं। करणी सेना के लोग अपनी 21 सूत्रीय मांगों का लिखित में सरकार की ओर से निराकरण के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं। करणी सेना के आंदोलन की वजह से भेल, पिपलानी, अवधपुरी जाने वाले लोगो को समस्या हो रही है।

मंत्री अरविन्द भदौरिया के साथ हुई बैठक :

राजधानी में करणी सेना के द्वारा चल रहे आंदोलन को संभालने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने प्रतिनिधि मंत्री अरविन्द भदौरिया को जिम्मेदारी दी है। इसी जिम्मेदारी को पूरा करने के उद्देश्य से मंत्री भदौरिया ने कल करणी सेना के साथ एक बैठक की जिसमे मंत्री भदौरिया समझाइश देते हुए नजर आये। उन्होंने करणी सेना के प्रमुख से बातचीत के दौरान कहा- "संगठन मंत्री शैलेन्द्र झाला कल दो बार आए उनसे हमारी बात हुई। मैं कहता हूं कि सरकार सभी वर्गों से संवाद कर रही है। आपसे भी बात करने को तैयार है। लेकिन संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत विधि सम्मत जो मांगे हैं उनपर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार संविधान से ऊपर से नहीं हैं। चर्चा के माध्यम से जो रास्ता निकलेगा हम उसके लिए तैयार हैं"

कर्मचारी संगठनों से सरकार अलग से बात करेगी :

आगे मंत्री भदौरिया ने सीएम के राजपूत समाज के कार्यक्रम के दौरान की घोषणा को याद दिलाते हुए कहा- मुख्यमंत्री जी ने राजपूत समाज के सामने घोषणा की। रानी पद्मावती के स्मारक बनाने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री जी स्वयं भूमिपूजन करने स्वयं गए। काम भी शुरु हो गया। ऐसी करीब 21 मांगें मान ली गईं। मेरा कहना है कि यदि सामाजिक दृष्टि से कोई मांग है तो सरकार मानने को तैयार है। कुछ डिमांड्स उसमें अलग प्रकार की हैं जैसे कर्मचारी संगठनों से जुड़ी हैं तो कर्मचारी संगठनों से सरकार अलग से बात करेगी।

मैं स्वयं वहां जाकर ज्ञापन लेने को तैयार हूं : मंत्री भदौरिया

संवाद के रास्ते हमने बंद नहीं किए, सारे मंत्री इंदौर के कार्यक्रम में गए हैं, लेकिन मैं नहीं गया। मुझे मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सब अपने लोग हैं उनसे संवाद कीजिए। आप यहीं(भोपाल) रुकिए तो मैं रुका हूं। मुख्यमंत्री जी इंदौर में हैं। देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जी इंदौर आ रहे हैं। बड़ा कार्यक्रम चल रहा है। आपकी जो विधि सम्मत मांगें होंगी उनपर हर किसी से चर्चा कर लेंगे। मैं स्वयं मप्र सरकार का मंत्री होने के नाते वहां जाकर ज्ञापन लेने को तैयार हूं। ऐसी जो मांगे जिसमें समिति बनाना जिनमें आरक्षण और दूसरे विषय हैं। जो हमारे हाथ में नहीं हैं वो संवैधानिक व्यवस्था के हैं।

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