कपड़ा बाजारों में मैकनिकों का कब्‍जा
कपड़ा बाजारों में मैकनिकों का कब्‍जाRaj Expresss

भोपाल: कपड़ा बाजारों में मैकेनिकों का कब्‍जा, व्यापारी परेशान

भोपाल: संत नगर के विकास कार्यों के तरफ किसी का ध्यान नहीं है, यहां जिसकी मर्जी आए वो वहीं वाहन खड़े कर देते हैं, यहां बड़ी संख्‍या में कपड़े हेण्डलूम की दुकानेें-शोरूम हैं, ऐसे में व्यापारी चितिंत हैं
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राज एक्‍सप्रेस। संत नगर भोपाल का उपनगर गिना जाता है, इस उपनगर में कपड़े बर्तनों का थोक बाजार है, यहां पर आस-पास के कई क्षेत्रों से लोग खरीदारी करने आते हैं, लेकिन संत नगर के बड़े-बड़े बाजारों में अतिक्रमण या फिर मैकेनिकों ने कब्‍जा कर दिया है, जिससे यहां के व्यापारी चितिंत हैं।

विकास कार्यो के तरफ किसी का ध्यान नहीं :

संत नगर में आज तक विकास कार्यों के तरफ किसी का ध्यान नहीं है, जो भी नेता यहां आते हैं, वे अपनी नेतागिरी कर वोट बढ़ाता है और अखबारों में छपने की चाह रखता है, इसमें हाल ही में चुनाव लड़ने वाले नेताओं की संख्‍या ज्यादा है। वहीं आने वाले दिनों में नगर-निगम के चुनाव आने वाले हैं, इसलिए ये नेता अभी से अपनी चमक को जनता की नजरों में बनाएं रखने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की समस्याएं उठा रहे हैं, हालांकि इन समस्याओं को आज तक हल नहीं करवा सके है, जबकि इनकी ही प्रदेश में सरकार है।

व्यापारियों का दुकानों पर बैठना मुश्किल :

संत नगर के पुराने बस स्टैण्ड के कपड़ा व्यापारियों का दुकानों पर बैठना मुश्किल हो गया है, इस क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में कपड़े व हेण्डलूम की दुकानेें व शोरूम बने हुए है, इसके पीछे मुख्‍य कारण यह है कि, इस क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक मैकेनिकों के अलावा सर्विस सेंटर खुले हुए है, जहां पर सुबह से देर शाम तक वाहनों को सुधारने का कार्य किया जाता है, सुधार कार्य मैकेनिक की दुकानों पर नहीं, बल्कि संपूर्ण बस स्टैण्ड क्षेत्र में किया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में गंदगी का आलम बना हुआ है।

संत नगर में सबसे बड़ा मार्केट :

भोपाल के संत नगर क्षेत्र में शहर का सबसे बड़ा कपड़ा मार्केट है, कई बार यहां पर फैली गंदगी व अस्त-व्यस्त खड़े वाहनों को देखकर ग्राहक वापस लौट जाते हैं, आधा दर्जन से अधिक मैकेनिकों ने मार्ग पर कब्‍जा कर रखा है। ऐसा यह पहला नगर होगा, जहां सार्वजनिक मार्गों पर वाहन बिना किसी रोक-टोक के सुधारे जा रहे हैं, व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है, कई बार वाहन तो यहां कई दिनों तक खड़े रहते हैं।

इन क्षेत्रों के हालात भी ठीक नहीं :

इसके अलावा सीहोर नाका क्षेत्र के भी हालात कुछ ठीक नहीं है, यहां भी मैकेनिकों द्वारा सड़कों पर ही जर्जर वाहन खड़े हुए नजर आते हैं और वाहनों की सर्विसिंग सड़कों पर होती है। बस स्टैण्ड क्षेत्र, एफ वार्ड मार्ग, फाटक रोड सहित आवासीय कॉलोनियों में नियमों को ताक पर रखकर कार्य संचालित किया जा रहा है।

घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मैकेनिकों की दुकान :

क्षेत्र में जहां-जहां भी मैकेनिकों की दुकानें है, वो घनी आबादी वाले क्षेत्रों में है, जो नियम विरूद्ध है। ऐसे में जहां भी वाहनों को सुधारा जाता है वहां के आस-पास का वातावरण प्रदूषित होता है, वाहन सुधारते समय वाहनों को स्टार्ट रखा जाता है। ऐसे में इसमें से निकलने वाले धुंए के कारण बीमारियां फैलती हैं। बस स्टैंड के व्यापारी भी इस वजह से दुकानों पर नहीं बैठ पाते है दिनभर उड़ते धुंए के कारण इनका सांस लेना मुश्किल है, धुंए के अलावा गंदा आयल, पेट्रोल, डीजल सहित टायर भी सड़कों पर ही फैले रहते हैं, जिससे क्षेत्र में तीव्र दुर्गन्ध फैल रही है।

संत नगर के व्यापारी जीतेन्द्र वासवानी का कहना है :

मैकेनिकों के कारण व्यापार करना मुश्किल हो गया है, इसकी शिकायत भी की, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। नेता आते हैं, वायदे करके चले जाते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है।

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