Bhopal : तकनीकी शिक्षा विभाग ने आरजीपीवी को दिया अल्टीमेटम, शुक्रवार शाम तक वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराएं
भोपाल, मध्यप्रदेश। तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी एक मामले में राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय से बार-बार कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराने चिठ्ठी लिख रहे हैं। लेकिन विवि के संबंधित अधिकारी ने ठान रखा है कि मैं तो दस्तावेज देने वाला नहीं, जिसे चाहिए विवि आकर खुद कमरे से ढूंढ कर ले जाए। अगस्त से चल रही जांच में बार-बार के अनुरोध और राज एक्सप्रेस में खबर छपने के बाद अब विभाग ने विवि का आखिरी अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि विवि की ओर से शुक्रवार शाम तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, तो विभाग अपने तरीके से मामले को निपटाएगा। अब देखना यह होगा कि विभाग की इस अंतिम चेतावनी का विवि और संबंधित अधिकारी पर क्या और कितना असर पड़ता है?
दरअसल, प्रदेश के सबसे बड़े तकनीकी विश्वविद्यालय राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय में टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम -3 के फंड से की गई पांच करोड़ की खरीदी को शिकायकर्ता सूरज प्रकाश गांधी ने नियमाविरूद्ध बताते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। जिसकी जांच विभाग ने अपने दो अधिकारियों को सौंपी है। उनके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराने विश्वविद्यालय को बार-बार समय सीमा में दस्तावेज मुहैया कराने को कहा गया, लेकिन विवि इस मामले में ना जवाब दे पा रहा है ना ही दस्तावेज उपलब्ध करा पा रहा है। कुलसचिव, राजएक्सप्रेस से कहा चुके है कि मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं, संबंधित अधिकारी से मैं बार-बार दस्तावेज मांग रहा हूं।
विभाग द्वारा विवि के कुलसचिव को दस्तावेज देने के लिए बार-बार चिठ्ठी भेजी जा रही है। विवि के कुलसचिव टीईक्यूआईपी-3 के अधिकारी प्रो. एससी चौबे को हर बार तीन-चार दिन का समय देते हुए पत्र लिखते हैं, लेकिन मजाल है कि उन्हें एक कागज भी दिया गया हो। बल्कि चौबे हर बार यही जवाब देकर मामले को टाल रहे हैं कि जिसे भी जो डाक्युमेंट चाहिए हो, विवि में रखी फाइलों में से आ कर ले सकता है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अब इस मामले में विभाग के अधिकारियों ने कड़ा रूख इख्तियार करते हुए विवि को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए शुक्रवार शाम तक का समय दिया है और कह दिया है कि विभाग ने जो दस्तावेज मांगे हैं, विवि वही दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराए, अन्यथा विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।
तकनीकी शिक्षा संचनालय द्वारा अगस्त माह में गठित टीम के सदस्य अतिरिक्त संचालक सीजी ढबू और अतिरिक्त संचालक(वित्त) जितेंद्र सिंह को दस दिन में जांच करने के निर्देश दिए गए थे। जांच टीम ने विवि प्रबंधन से शीघ्र दस्तावेज उपलब्ध कराने पत्र जारी किया था, उसके बाद एक पत्र अैलिखा, लेकिन उन्हें आज दिन तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इस वजह से रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है। मालूम हो कि इस मामले में कई आरटीआई भी लगी हुई है, जिस पर प्रथम अपील में चौबे ने गोल-मोल जवाब दिया हैं।
राज एक्सप्रेस के द्वारा मुद्दा उठाने के बाद विवि प्रबंधन ने चौबे से चार दिन की समय सीमा में जवाब देने और टीम द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा है कि आपने आरटीआई में भी जानकारी छुपाई थी, वहां भी सही जानकारी दें। लेकिन सूत्र बताते हैं कि चौबे ने 12 दिसंबर को भी पुराना रटा रटाया जवाब दिया है कि जांच अधिकारी स्वयं आईक्यूएसी कार्यालय में आकर जांच से संबंधित फाइलों का अवलोकन कर जांच प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इस जवाब से असंतुष्ट विभाग ने विवि को दस्तावेज भेजने के लिए शुक्रवार तक आखिरी मौका दिया है।
जांच समिति द्वारा मांगे गए दस्तावेज :
सॉफ्टवेयर की आवश्यकता हेतु संबंधित संकाय का मांग पत्रक एवं इस पर सक्षम स्वीकृति आदि।
सॉफ्टवेयर खरीदी के संबंध में की गई क्रय-विक्रय से संबंधित संपूर्ण नस्त, टेण्डर डॉक्यूमेंट, तुलना पत्रक एवं जारी क्रय आदेश एवं भुगतान संबंधी नोटशीट आदि।
संबंधित सॉफ्टवेयर जिस भण्डार पंजी में दर्ज किया है, उसकी प्रमाणित छायाप्रति।
यदि पूर्व में इस प्रक्रिया के संबंध में कोई अन्य जांच आदि हुई हो तो उससे संबंधित अभिलेख।
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