MP के स्कूली सिलेबस में शामिल होंगी महाराणा प्रताप की वीरता के किस्से, कल्याण बोर्ड का होगा गठन
भोपाल। मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम (Syllabus) में अब महाराणा प्रताप के किस्से पढ़ाये जायेंगे। बच्चों को देश के वीर पुरुष महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के शौर्य और पराक्रम की कहानियों से रूबरू किया जायेगा। इसके साथ ही महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड (Maharana Pratap Welfare Board) का गठन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने लाल परेड मैदान (Red Parade Ground) में हुए महाराणा प्रताप जयंती समारोह में यह घोषणा की है।
महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व सभी के लिए प्रेरणादायी है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी के लिए प्रेरणा देते हैं। ईमानदारी और सच्चाई से समाज के सभी वर्गों की सेवा करना, प्रगति और विकास के रास्ते पर प्रदेश को अग्रसर करने की प्रेरणा भी हमें महाराणा प्रताप से मिलती है। महाराणा प्रताप शौर्य, स्वाभीमान और स्वतंत्रता के साथ-साथ वैभवशाली, गौरवशाली राष्ट्र के निर्माण के प्रतीक भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। विश्व के समृद्ध और शक्तिशाली देशों में भारत का मान सम्मान बढ़ा है।
वीर पुरूषों के जन्म दिवस पर अवकाश देना, उनका ऋण उतारने का एक प्रयास मात्र है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराज छत्रसाल बुंदेला को प्रणाम करते हुए कहा कि उनके संबंध में मान्यता थी कि "छत्ता तोरे राज में, धक-धक धरती होय- जित जित घोड़ा मुख करे, तित-तित फतेह होए"। यह शूरवीरों की धरती है। ऐसे वीर पुरूषों के जन्म दिवस पर अवकाश देना, उनका ऋण उतारने का एक प्रयास मात्र है। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप की प्रतिबद्धता का स्मरण करते हुए कहा कि यह मेरा प्रण है कि जो भी लोग हमारे देश और प्रदेश के हितों से खिलवाड़ करेंगे वह छोड़े नहीं जाएंगे। आतंकवादियों को समाप्त करना हमारा धर्म है।
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