बिना परामर्श ली कोरोना की दवाएं, अब ब्लड प्रेशर और सिरदर्द की शिकायत

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आने या फिर कोरोना के संदेह में खुद ही डॉक्टर बनकर अपना इलाज करने वाले लोगों को बिना परामर्श दवाओं का सेवन करना दिक्कत दे रहा है।
बिना परामर्श ली कोरोना की दवाएं, अब ब्लड प्रेशर और सिरदर्द की शिकायत
बिना परामर्श ली कोरोना की दवाएं, अब ब्लड प्रेशर और सिरदर्द की शिकायतसांकेतिक चित्र
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आने या फिर कोरोना के संदेह में खुद ही डॉक्टर बनकर अपना इलाज करने वाले लोगों को बिना परामर्श दवाओं का सेवन करना दिक्कत दे रहा है। कोविड की पहली और दूसरी लहर में प्रचलित रहीं एंटीबायोटिक दवाओं का अब भी लोग बिना सलाह के सेवन कर रहे हैं। ऐसे में मरीजों को ब्लड प्रेशर, चक्कर आने, सिरदर्द, गैस, उल्टी जैसे साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं। ऐसे मरीज अब चिकित्सकों से संपर्क कर इन बीमारियों का इलाज ले रहे हैं।

कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक एंटीबायोटिक टेबलेट, पैरासीटामोल, विटामिन सी जैसी दवाएं सबसे ज्यादा प्रचलन में रहीं। पहली और दूसरी लहर में हल्के लक्षण वाले मरीजों को यही दवाएं दी गई थीं। इसके चलते ये दवाएं लोगों के जेहन में बैठ गई हैं। लोगों ने इन दवाओं को अपनी फर्स्ट एड किट का हिस्सा बना लिया और ज्यादातर घरों में ये दवाएं खरीदकर रख ली गई हैं। अब तीसरी लहर में भी सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण आने पर लोग कोरोना के संदेह में बिना डॉक्टर की सलाह लिए इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा जो लोग पाजिटिव आ रहे हैं, वे भी तुरंत ही इन दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए आइसीएमआर की वर्तमान गाइडलाइन तीन से पांच दिन तक दवा का सेवन करने की है, लेकिन पाजिटिव और संदिग्ध मरीज एक सप्ताह से लेकर 10 दिन तक दवाएं ले रहे हैं। इसके चलते इन दवाओं के दुष्प्रभावों की समस्या सामने आ रही है। जयारोग्य अस्पताल के चिकित्सकों और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के विशेषज्ञों से अब मरीज इन साइड इफेक्ट को दूर करने के लिए परामर्श मांग रहे हैं।

क्या बोला साइड इफेक्ट से पीड़ित मरीज :

कोविड पाजिटिव आए एक 35 वर्षीय मरीज ने खुद ही कोरोना की प्रचलित एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन शुरू कर दिया। एक सप्ताह तक यह दवा लेने पर उसे पेट खराब होने, गैस और उल्टी की समस्या शुरू हो गई। इसके चलते मरीज ने जेएएच के डाक्टरों से सलाह ली तो उन्होंने तुरंत ही एंटीबायोटिक दवा बंद करने के लिए कहा।

एंटी एलर्जिक दवाएं हैं ज्यादा प्रभावी :

कोरोना की तीसरी लहर में मरीज एंटीबायोटिक की बजाय एंटी एलर्जिक दवाएं खाकर ठीक हो रहे हैं। यही कारण है कि अब कोरोना की स्टैंडर्ड किट में से एंटीबायोटिक दवा हटाकर उसकी जगह पर एंटी एलर्जिक दवा जोड़ी गई है। इसके अलावा मल्टी विटामिन और बुखार के लिए पैरासीटामोल दी जा रही है।

इनका कहना है :

कोरोना का संदेह होने पर मरीज खुद ही दवाएं लेना शुरू कर रहे हैं। हमारे पास ऐसे मामले आ रहे हैं, जिसमें हैवी एंटीबायोटिक और स्टेरायड लेने से मरीजों को ब्लड प्रेशर, उल्टी, चक्कर आने जैसी बीमारियां हो रही हैं। ऐसे मरीजों को हम सलाह दे रहे हैं कि बिना डाक्टर के परामर्श के दवा का सेवन न करें और लक्षण होने पर कोविड जांच कराएं।

डॉ. अजयपाल सिंह, मेडिसिन विभाग, जयारोग्य अस्पताल

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