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छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को करें निलंबित, गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं होने पर हाईकोर्ट सख्त

छिंदवाड़ा स्थित तुलसी नारायण सर्कितन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचआई ने मंदिर की 1254 वर्ग जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था।
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जबलपुर। गैर जमानतीय वारंट छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक द्वारा तामील नहीं करवाये जाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वह छिंडवाडा पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही करें। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अधीक्षक वारंट तामील करवाने में असक्षम है,इसलिए पुलिस महानिदेशक स्वंय वारंट तामील करवाये।

छिंदवाड़ा स्थित तुलसी नारायण सर्कितन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि NHAI ने मंदिर की 1254 वर्ग जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया था। हाईकोर्ट ने शेष जमीन का मुआवजा देने के निर्देश अगस्त 2018 में जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था।

NHAI द्वारा आदेश के बावजूद भी मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गयी। जिसके कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की गयी थी। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को तामीली के निर्देश दिये थे। याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है। जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है। सरकार की तरफ से जारी जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया। युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है। जिसमें हम स्तब्ध है और ऐसा प्रतीक होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिदेशक को उक्त निर्देश जारी किये। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गयी है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश तथा अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की।

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