मुलताई : बलेगांव में ताप्ती नदी पर पुलिया होती तो नहीं बुझता घर का चिराग...

ताप्ती नदी पर ग्रामीणों द्वारा पुलिया की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया, यदि नदी पर पुलिया होती तो शायद प्रफुल्ल बच जाता।
मुलताई : बलेगांव में ताप्ती नदी के बहाव में बहे छात्र प्रफुल्ल को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला।
मुलताई : बलेगांव में ताप्ती नदी के बहाव में बहे छात्र प्रफुल्ल को एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला। रवि सोलंकी
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मुलताई, मध्य प्रदेश। मंगलवार शाम ताप्ती नदी के बहाव में बहे छात्र प्रफुल्ल का शव बुधवार सुबह एनडीआरएफ की टीम को गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर नदी की झाड़ियों की जड़ों में फंसा हुआ मिला। पुलिस द्वारा शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है तथा मर्ग कायम कर पूरे मामले की जांच की जा रही है।

प्रफुल्ल की मौत से बलेगांव में पसरा मातम :

घटना से जहां पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है वहीं ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों के अनुसार ताप्ती नदी पर पुलिया की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया वहीं जनप्रतिनिधि भी मात्र आश्वासन देते रहे। यदि नदी पर पुलिया रहती तो शायद प्रफुल्ल की मौत नहीं होती।

ग्रामीणों में रोष व्याप्त :

ग्रामीण जगदीश चौरे, देवन्द्र डढोरे, सुरेश, भारत, रणधीर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पुलिया एवं सड़क निर्माण की लंबे समय मांग के बावजूद पुलिया एवं सड़क का निर्माण नहीं किया गया, जिससे एक घर का चिराग बुझ गया। ग्रामीणों के अनुसार प्रफुल्ल की मौत से पूरे गांव में दु:ख की लहर है। प्रपुुल्ल कक्षा 10 वीं में अध्ययनरत एक होनहार छात्र था, जो अपने मवेशियों को लेकर खेत से मंगलवार शाम घर लौट रहा था, लेकिन बारिश के कारण ताप्ती नदी में उफान के चलते वह बह गया जिससे उसकी मौत हो गई।

रात 3 बजे तक एनडीआरएफ की टीम ने किया सर्च :

घटना की सूचना मिलते ही साईंखेड़ा पुलिस एवं एनडीआरएफ की टीम बलेगांव पहुंची जहां रात में नदीं के किनारे किनारे तथा नदी में छात्र की खोज की गई। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की टीम ने रात 3 बजे तक छात्र को ढूंढने के लिए भारी मशक्कत की लेकिन ताप्ती नदी में पूर का पानी अधिक होने से कुछ हाथ नहीं लगा। बुधवार सुबह नदी का पानी उतरने के बाद पुन: खोज प्रारंभ की गई, जिससे गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर नदी के किनारे झाड़ियों की जड़ों में छात्र का शव फंसा हुआ मिला जिसे निकाला गया।

दो भाईयों में छोटा था प्रफुल्ल :

बलेगांव निवासी जगदीश चौरे ने बताया कि प्रफुल्ल प्रताप सोलंकी का छोटा पुत्र था, जो पढ़ाई के साथ खेती बाड़ी के काम में भी परिवार का सहयोग करता था। मंगलवार दोपहर तीन बजे से मूसलाधार बारिश प्रारंभ हो गई थी, वहीं प्रफुल्ल खेत में था इसलिए वह मवेशियों को लेकर घर आ रहा था जहां नदी पार करते समय तीन भैंस तो नदी पार हो गई, लेकिन एक भैंस के साथ प्रफुल्ल तेज धारा में बह गया। बहने में प्रफुल्ल का सिर किसी पत्थर से टकरा गया।

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