नए साल से पहले नशे पर सख्ती: MP में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादन संशोधन अधिनियम 2023 लागू
हाइलाइट्स:
नए साल के जश्न को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार सख्त
मध्यप्रदेश में नए साल से पहले नशे पर सख्ती
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादन संशोधन अधिनियम 2023 लागू
Intoxicants Banned in MP: साल 2023 के खत्म होने में अब दो ही दिन बचे हुए हैं। नए साल 2024 के स्वागत के लिए हर कोई अपनी तैयारी कर रहा है। ऐसे में नए साल के जश्न को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार सख्त हो गई है, नए साल से पहले एमपी में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादन संशोधन अधिनियम 2023 लागू हो गई है।
मध्यप्रदेश में नशे पर सख्तीः
MP सरकार नशे पर लगाम लगाने के लिए लगातार अभियान चला रही है, अब मध्यप्रदेश में नशे पर सख्ती की गई और नए साल से पहले एमपी में सिगरेट अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2023 लागू किया। इस संबंध में मध्यप्रदेश सरकार ने अधिसूचना भी जारी की है, संशोधित अधिनियम के अनुसार आवासीय होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय,लोक मनोरंजन के ऐसे संस्थान जहां राज्य सरकार शासन द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
जारी अधिसूचना के अनुसार-
बता दें राज्य सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादन मध्य प्रदेश संशोधन अधिनियम 2023 लाई थी। जिसकी मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। अब हुक्का बार चलाने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान और सजा के साथ एक लाख तक का जुर्माना भी देना होगा। भोजनालय, आवासीय होटल, रेस्तरां में भी हुक्का नहीं परोस सकेंगे।
मध्यप्रदेश राज्य को लागू हुए रूप में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003को संशोधित करने हेतु अधिनियम भारत गणराज्य के चौहत्तरवें वर्ष में मध्यप्रदेश विधान-मण्डल द्वारा निम्नलिखित रूप में वह अधिनियमित हो:-
इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) मध्यप्रदेश संशोधन अधिनियम, 2023 है। यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा। मध्यप्रदेश राज्य को लागू हुए रूप में केन्द्रीय अधिनियम, 2003 का संख्यांक 34 का संशोधन- मध्यप्रदेश राज्य को लागू हुए रूप में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (जो इसमें इसके पश्चात् मूल अधिनियम के नाम से निर्दिष्ट है) को इसमें इसके पश्चात् उपबंधित रीति में संशोधित किया जाए।
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