प्रदेश का पहला वर्टिगो क्लीनिक एमवायएच में शुरू होगा, 80 प्रतिशत मामलों में चक्कर आने का कारण होता है कान
इंदौर। एमजीएम मेडिकल से संबद्ध एमवायएच के नाक कान गला विभाग में प्रदेश का पहला वर्टिगो (चक्कर) क्लीनिक प्रारंभ किया जा रहा है। वटिंगो एक बैलेंस डिसॉर्डर है जिसकी परेशानी लोगो में काफी सामान्य होती है। 80 प्रतिशत वर्टिगो (चक्कर का आना) का कारण कान का आंतरिक भाग होता हैं।
नाक कान गला विभागाअध्यक्ष डॉ. यामिनी गुप्ता ने बताया कि यह क्लीनिक प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार को सुबह 10 से बजे तक खुला रहेगा। चक्कर आने के विभिन्न कारण होते हैं। वर्टिगो के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं , थकान, बहरापन, सर घूमना, संतुलन की समस्या, उल्टी, मतली, चक्कर आना, कान में घंटी बजना आदि।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि क्लिनिक में विभिन्न प्रकार की अत्याधुनिक जांचे की जांँगी, जिसके द्वारा चक्कर के असल कारण जानने में मदद मिलेगी। जैसे कि सुनवाई की जांचे, वैम्प (वेस्टिब्यूलर एवोकेड मायोजनिक पोटेंशियल) आंखों के मूवमेंट को ट्रैक करना (वीएनजी, वीडियो निस्तागमोग्राफी ) कम्पूटरीकृत वटिंगो असेसमेंट, सब्जेक्टिव विसुअल वर्टीकल (सीवीवी), कैलोरी टेस्ट, रोटेशन चेयर टेस्ट आदि। यह सभी जाचे एम.वाय अस्पताल में अब उपलब्ध है और इन जांचो के होने से मरीज़ो के चक्कर आने के सही कारण की पहचान कर निदान एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्लिनिक की खास बात यह है की चक्कर के कारणों की पहचान के साथ साथ यहां पर वेस्टिबुलर रिहॅबिलिटेशन (पुनर्वास) की सुविधा भी एक ही जगह उपलब्ध होगी। इसमें विशेष सहयोग पर पीड़ा हर संस्था एवं एमवायएच अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर का रहा है।
डॉ संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा बताया गया कि इस तरह की क्लीनिक की सुविधा प्रदेश के किसी भी शासकीय चिकित्सालय में अपने आप में एक अनूठी पहल है, इस क्लिनिक में 7 विभिन प्रकार की जांचे की जाएँगी, इस सुविधा से शासकीय चिकित्सालय में आने वाले गरीब मरीज लाभान्वित होंगे।
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