नागद्वारी मेले में पुलिस की वर्दी पहन कर ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स, सोशल मीडिया पर वायरल
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। पचमढ़ी में आयोजित जिले का सबसे प्रसिद्ध नागद्वारी मेला श्रद्धालुओं की सेवा और सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ विभाग की 2 स्टाफ नर्सों की कारगुजारियों के कारण भी चर्चा का विषय बना हुआ है। नागद्वारी मेले में मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों सहित पड़ोसी प्रदेश महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। नागद्वारी मेले के साथ-साथ पचमढ़ी के अन्य संस्थानों की सैर भी श्रद्धालु करते हैं। बारिश का मौसम बीमारियों का मौसम होता है, यही कारण है कि सैलानियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर नागद्वारी मेले में 50 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। खास बात यह है कि इन कर्मचारियों में कुछ स्टाफ नर्स भी शामिल है, जो पिछले 2 दिनों से स्टाफ नर्स के ड्रेस कोड की बजाय पुलिस की वर्दी में ड्यूटी करती नजर आ रही है। इतना ही नहीं इन दोनों नर्सों ने पुलिस की वर्दी पहने अपनी तस्वीर खुद ही सोशल मीडिया पर वायरल भी की है, जिसको लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं भी चल निकली है। अनाधिकृत रूप से पुलिस की वर्दी का उपयोग करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस लिहाज से इन नर्सों पर पुलिस की तरफ से भी कार्यवाही बनती है, जबकि विभागीय ड्रेस कोड का उल्लंघन कर दूसरे विभाग के ड्रेस कोड में ड्यूटी करना स्वास्थ विभाग के नियमों के भी खिलाफ है और उसे अनुशासनहीनता की श्रेणी का अपराध माना जा कर कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल तो वर्दी वाली नर्सों की सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर समूचे नर्मदापुरम संभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल पचमढ़ी नागद्वारी मेला में जिले के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि व्यवस्था पर तैनात है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश देहलवार द्वारा स्वास्थ्य सुविधा के सुचारू संचालन एवं मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिये लगभग 50 कर्मचारियों, जिसमें चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टाफ से स्टाफ नर्स की डियूटी लगाई गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचमढ़ी स्पॉट में जिन स्टाफ नर्सों की डियूटी लगाई गई है, वह केवल आराम के साथ क्षेत्र की सैर सपाटा कर रही है। ऐसा ही एक मामला आया है, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मालाखेड़ी की स्टाफ नर्स मनीषा चौहान एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ग्वालटोली की स्टाफ नर्स श्रीमति मनीषा चौधरी पुलिस की वर्दी में ड्यूटी कर रही। जबकि पुलिस विभाग के नियमों के तहत कोई भी सामान्य नागरिक पुलिस की वर्दी एवं टोपी का उपयोग नही कर सकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के हौसलों की दाद देना होगा, जो ड्यूटी के दौरान अन्य किसी पुलिस कर्मी की वर्दी का उपयोग कर रहे हैं। सरकारी नियमों के तहत अन्य कोई व्यक्ति यदि पुलिस की वर्दी एवं टोपी पहनता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक एवं स्वास्था विभाग के प्रभारी सीएमएचओ डॉ. दिनेश दहलवार खाकी वर्दी को शर्मशार करने वाली स्टाफ नर्सों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे या फिर मामले को टालमटोल कर दिया जायेगा। वर्दी पहने हुए इन नर्सों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। इस पूरे मामले को पिपरिया की प्रभारी बीएमओ डॉ. रिचा कटकवार की देखरेख में ही नागद्वारी मेला में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ड्यूटी कर रहे है।
इनका कहना :
नागद्वारी मेले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कर्मचारियों ने किसकी वर्दी पहनी है और क्यों पहनी है, इसकी जानकारी हमें नहीं हैं। मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है। कार्यवाही की जावेगी।
डॉ. दिनेश दहलवार, प्रभारी सीएमएचओ
हमारे द्वारा नागद्वारी मेले की सतत निगरानी की जा रही है, पुलिस ड्यूटी प्वाइंट की भी निरंतर जांच की जा रही है। ऐसा कोई मामला सामने ही नहीं आया है।
शिवेन्दु जोशी, एसडीओपी, पिपरिया
महिला कर्मचारियों द्वारा पुलिस की वर्दी पहनने की जानकारी मिली है, मामले की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।
रूप सिंह उईके, टीआई पचमढ़ी
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