ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगरीय निकाय चुनावों के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया के बाद घमासान होना तय है। मंगलवार को वार्ड आरक्षण के साथ ही पूर्व पार्षदों ने गोटियां बिठानी शुरू कर दी हैं। कुछ दिग्गज पार्षदों की सीट महिला सामान्य हो गई है तो किसी की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित है। अब देखना यह है कि चुनावी समर में दिग्गज पार्षद किस तरह अपनी गोटियां फिट करते हैं।
शहर में चुनिंदा वार्ड ऐसे हैं जहां से दिग्गज पार्षद चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित का वार्ड 12 हैं जो अब सामान्य महिला हो गया है। यहां से पूर्व नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस से अपनी पत्नी के लिए टिकिट मांगेंगे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से डमी केंडीडेट खड़ा किया जायगा। इसी तरह वार्ड 13 से भाजपा नेता धर्मेन्द्र तोमर एवं पूर्व पार्षद दिनेश सिकरवार लडऩे के इच्छुक थे लेकिन यह वार्ड अन्य पिछड़ वर्ग के लिए आरक्षित हो गया है। इसलिए अब यहां से नए चेहरों को मौका दिया जायगा। वार्ड 56 से कांग्रेसी विधायक सतीश सिंह पार्षदी का चुनाव जीते थे और यह वार्ड इस आर भी अनारक्षित है। संभवत यहां से उनके पुत्र चुनाव लड़ सकते हैं। इसी प्रकार वार्ड 53 से भाजपा महिला मोर्चे की जिलाध्यक्ष खुशबू गुप्ता चुनाव जीती थी और इस बार यह बार्ड अनारक्षित है। संभवत वह इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी। वार्ड19 से भाजपा पार्षद बलवीर सिंह तोमर चुनाव जीते थे और इस बार यह सीट महिला अनारक्षित हो गई है। वह अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं। वार्ड 26 से पूर्व मंत्री माया सिंह के विश्वास पात्र धर्मेन्द्र राणा चुनाव जीते थे और इस बार यह सीट अनारक्षित महिला हो गई है इसलिए वह भाजपा से अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं। परिषद में कांग्रेस के उपनेता रहे पार्षद चतुर्भुज धनौलिया वार्ड 21 से चुनाव जीते थे और इस बार यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हो गई है। वह अपनी पत्नी को यहां से चुनाव लड़ा सकते हैं। पूर्व वरिष्ठ पार्षद मनोज तोमर वार्ड 55 अनारक्षित है और यहां से भाजपा के टिकिट पर तब्सुम इरफान वेग चुनाव जीती थी। इस बार यह सीट सामान्य है इसलिए पूर्व पार्षद मनोज तोमर यहां से किस्मत अजमा सकते हैं। इसके अलावा वार्ड 50 से भाजपा नेता अजय अरोरा की पत्नी वंदना अरोरा चुनाव जीती थी और इस बार अनारक्षित वार्ड होने से अजय स्वंय चुनाव के लिए ताल ठोक सकते हैं। वार्ड 4 से भाजपा नेता रिकंू परमार की पत्नी गौरी चुनाव जीती थी। यह सीट इस बार भी अनारक्षित है और संभवत वह अपनी पत्नी या स्वंय चुनाव लड़ सकते हैं। वार्ड 17 से भाजपा नेता जगराम कुशवाह की पत्नी अनीता को चुनाव जीतकर परिषद पहुंची थी, लेकिन इस बार यह वार्ड अनुसूचित जाति महिला हो गया है और 16 नंबर वार्ड भी अनूसूचित जाती के लिए आरक्षित है इसलिए उनका चुनाव लडऩा संभव नहीं दिख रहा।
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