भोपाल, मध्य प्रदेश। प्रदेश में फिमेल सेक्स रेशियो के मामले में इंदौर, भोपाल जैसे महानगरों से कहीं अधिक आगे छोटे शहर हैं। तीन छोटे जिलों में तो लड़कों से अधिक लड़कियों का अनुपात है। हालांकि प्रदेश में अभी प्रति हजार लड़कों पर 931 लड़कियां ही हैं। कई ऐसे भी जिले हैं जहां कई सालों बाद भी लड़कियों को अभिशाप ही माना जाता है और उनकों गर्भ में या फिर पैदा होने पर मार दिया जाता है। प्रदेश के भिंड, मुरैना, दतिया जैसे जिलों में फिमेल अनुपात काफी कम है।
फिमेल अनुपात में प्रदेश के बालाघाट जिले में प्रति हजार लड़कों पर 1021 लड़कियां है। इसी तरह अलीराजपुर जिले में 1011, मंडला में 1008 लड़कियां हैं। डिंडोरी में 1002 और झाबुआ में 990 लड़कियों का अनुपात है। यह सभी जिले पिछड़े और छोटे हैं। जबकि महानगर भोपाल में 918, इंदौर में 928, जबलपुर में 929 और ग्वालियर में 864 फिमेल अनुपात है।
16 साल में कितना बचाया गया बेटियों को :
प्रदेश में 2005 से 2020 तक 16 सालों में फिमेल अनुपात काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी हजार में से 69 लड़कों के लिए दुल्हन नहीं है। एक हजार लड़कों के अनुपात में फिमेल 2005 में 913, 2006 में 919, 2007 में 926, 2008 में 921, 2009 में 920, 2010 में 921, 2011 में 919, 2012 में 927,2013 में 919, 2014 में 920, 2015 में 922, 2016 में 923, 2017 में 926, 2018 में 927, 2019 में 929 और 2020 में 931 रहा है। इन 16 सालों में 2015 के बाद फिमेल अनुपात में काफी तेजी से सुधार आया है। जबकि 2001 की जनसंख्या गणना के अनुसार प्रदेश में फिमेल अनुपात 919 था, इसके बाद के सालों में 2005 में यह अनुपात कम होकर 913 तक पहुंच गया था।
फिमेल अनुपात में टॉप पांच जिले :
प्रदेश में बालाघाट जिले में 1021, अलीराजपुर में 1011, मंडला में 1008 लड़कियां, डिंडोरी में 1002 और झाबुआ में प्रति हजार लड़कों पर 990 फिमेल अनुपात है। यह पांच जिले फिमेल अनुपात में प्रदेश के टॉप पांच जिलों में शामिल हैं। जबकि भिंड में 837, मुरैना में 840, दतिया में 875, शिवपुरी में 877, ग्वालियर में 862 फिमेल अनुपात है। इन चार जिलों में सबसे कम फिमेल अनुपात है।
प्रदेश के जिलों में फिमेल अनुपात :
मप्र के जिले इंदौर - 928, जबलपुर - 929, सागर - 893, भोपाल - 918, रीवा - 931, सतना - 926, धार - 964, छिंदवाड़ा - 964, ग्वालियर - 864, उज्जैन - 955, मुरैना - 840, छतरपुर - 883, शिवपुरी - 877, भिंड - 837, बालाघाट - 1021, बैतूल - 971, देवास - 942, राजगढ़ - 956, शाजापुर - 938, विदिशा - 896, रतलाम - 971, टीकमगढ़ - 901, बड़वानी - 982, सिवनी - 982, मंदसौर - 963, रायसेन - 901, सीहोर - 918, कटनी - 952, दमोह - 910, गुना - 912, होशंगाबाद - 914, सिंगरौली - 920, सीधी - 957, नरसिंहपुर - 920, शहडोल - 974, मंडला - 1008, झाबुआ - 990, पन्ना - 905, अशोकनगर - 904, नीमच - 954, दतिया - 873, बुरहानपुर - 951, अनूपपुर - 976, अलीराजपुर - 1011, डिंडोरी - 1002, श्योपुर - 901, उमरिया - 950, हरदा में 935 लड़कियां प्रति हजार लड़कों पर हैं।
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