भारतवर्ष का दर्शन है- सारी दुनिया है एक परिवार : शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतवर्ष का दर्शन है-सारी दुनिया है एक परिवार। धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, यह हमारी विचारधारा है।
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भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतवर्ष का दर्शन है-सारी दुनिया है एक परिवार। धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, यह हमारी विचारधारा है। हमारा दर्शन एकात्म मानववाद है। हम हर प्राणी में ईश्वर का दर्शन करते हैं।

श्री चौहान ने आज श्री राम माधव की पुस्तक 'बिकॉज इंडिया कम्स फर्स्ट' का विमोचन किया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में अरुण कुमार, कृषि मंत्री कमल पटेल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन होटल जहांनुमा पैलेस में 'एमपी थिंकर्स फोरम' द्वारा किया गया। पुस्तक के विमोचन के बाद पुस्तक पर परिचर्चा आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद देश-हित में कड़े व बड़े निर्णय लिए गए हैं, जिनकी पहले सिर्फ चर्चा होती थी परंतु निर्णय लेने की हिम्मत किसी में नहीं थी।

विशेष अतिथि अरुण कुमार ने कहा कि भारत मात्र एक भौगोलिक इकाई नहीं है, अपितु हजारों-हजार वर्षों के गंभीर चिंतन का प्रवाह है, जिसका उद्गम हर प्राणी में ईश्वर के दर्शन से हुआ तथा जिससे हमारे ऋषि-मुनियों ने मूल्य आधारित समाज का निर्माण किया। भारत जीवन जीने का एक तरीका है, भारत सबके कल्याण का पक्षधर है।

श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 1947 में हमें राजनीतिक स्वतंत्रता तो मिल गई परंतु मानसिक और वैचारिक दासता बनी रही। अब हम उस दासता से धीरे-धीरे बाहर आ रहे हैं। देश को बहुत समय बाद ऐसी सरकार मिली है, जिसमें देश-हित में कड़े निर्णय लेने का साहस है। आज हम अपनी प्राचीन परंपराओं, जीवन मूल्यों से दोबारा परिचित हो रहे हैं।

पुस्तक के लेखक श्री राम माधव ने कहा कि इस पुस्तक का संदेश है 'हमारा देश, हमारा राष्ट्र सर्वोपरि है।' हमारे हर विचार में राष्ट्र का हित सबसे ऊपर होना चाहिए। हमारा हर निर्णय राष्ट्र के उत्थान के लिए होना चाहिए। हमें अपने राष्ट्रहित के संकल्प को पूरी दृढ़ता के साथ चरितार्थ करना चाहिए। गत दिनों कश्मीर में धारा 370 हटाना, सीएए, एनपीआर, कृषि सुधार कानून, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए उठाए गए कदम सभी राष्ट्रहित में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय हैं।

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति के जी सुरेश के साथ पुस्तक पर चर्चा के दौरान श्री राम माधव ने कहा कि कोविड के बाद का विश्व एकदम अलग होगा। इसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष जोर होगा। भारत इन तीनों क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व कर सकता है। हम प्रकृति को माँ मानते हैं, योग और आयुर्वेद स्वास्थ्य सुरक्षा में अत्यंत उपयोगी हैं तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी भारत बहुत आगे है।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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