हाइलाइट्स:
जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने ली अंतिम सांस
आचार्य के निधन पर शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुःख
शिवराज बोले- मेरे जीवन में आचार्य का गहरा प्रभाव रहा
भोपाल, मध्यप्रदेश। विश्व प्रसिद्ध जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर महामुनिराज ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित डोंगरगढ़ में सल्लेखना पूर्वक देह त्याग दिया। आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि, विद्यासागर महाराज का समाधिपूर्वक निधन सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध करने वाला।
मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा: शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा- "राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, आचार्य के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है आचार्य जीते जागते परमात्मा थे। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी। आचार्य श्री शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों। गुरुवर के चरणों मे शत शत नमन।
बता दें, दिगंबर जैन अनुयायियों के बीच भगवान के समकक्ष पूजे जाने वाले श्री विद्यासागर जी महाराज ने डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ क्षेत्र में अंतिम सांस ली, वे 77 वर्ष के थे। कुछ दिनों से अस्वस्थता के बावजूद उन्होंने अपनी निर्धारित दिनचर्या और साधना का क्रम नहीं छोड़ा और सल्लेखना पूर्वक समाधि के उद्देश्य से पिछले दो दिनों से अन्न जल का भी त्याग कर दिया था, चंद्रगिरी तीर्थक्षेत्र प्रबंधकों के अनुसार आचार्यश्री का अंतिम संस्कार आज दिन में एक बजे डोंगरगढ़ में ही किया जाएगा।
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