शहडोल, मध्यप्रदेश। संभागीय मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में नकली कीटनाशक और अमानक बीज का कारोबार बड़े स्तर पर किया जा रहा है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी नकली कीटनाशक और अमानक स्तर का बीज बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे भोले-भाले किसान महंगे दामों पर नकली कीटनाशक और अमानक स्तर का बीज खरीदकर ले जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अच्छी फसलें नहीं होने पर उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
किसानों का बढ़ा जोखिम :
धान, उड़द, मूंग सहित खरीफ के सीजन की अन्य फसलों को रोग व कीटों से बचाने के लिए बाजारों में महंगी से महंगी दवाईयां बेची जा रही हैं। कई कीटनाशक तो इतने ज्यादा महंगे हैं कि उनका उपयोग करने वाले किसानों को डेढ़ हजार रुपये बीघा से भी ज्यादा अतिरिक्त खर्चा करना पड़ता है। जिन पर कंपनियों के लेबल चिपके रहते हैं, लेकिन उन पैकिंगों के भीतर क्या है, किसानों को भी नहीं पता रहता है। साथ ही अमानक स्तर का बीज भी कई दुकानदार इन दिनों खुलेआम बेच रहे हैं। जिसे पकडऩे और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी कृषि विभाग अधिकारियों की है, लेकिन संभागीय मुख्यालय सहित अनूपपुर जिले में इनके द्वारा अमानक बीज और नकली कीटनाशक बेचने वालों पर कार्रवाई करना तो दूर दुकानों पर पहुंचकर सेंपलिंग तक की जानकारी किसी को नहीं हो पाई है, जिससे हर तरह से किसान को जोखिम उठाना पड़ रहा है।
कार्यवाही की नहीं चर्चा :
खरीफ सीजन शुरू होते ही संभाग के शहरी सहित ग्रामीण अंचलों में खाद, बीज, कीटनाशकों का अवैध कारोबार शुरू हो जाता है। विशेषकर ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में सेठ-साहूकारों ने अवैध रूप से अमानक खाद-बीज एवं कीट नाशकों की दुकानों से बीज की सप्लाई की जाती है, हालांकि खाद-बीज माफिया के चंगुल से किसानों को बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी भी हाईअलर्ट मोड में है, लेकिन अभी तक संभागीय मुख्यालय सहित अनूपपुर जिले में कार्यवाही की कोई चर्चा नहीं है।
उमरिया में निलंबित हुई अनुज्ञप्ति :
उप संचालक तथा किसान कल्याण खेलावन डेहरिया ने बताया कि बीज निरीक्षक करकेली के निरीक्षण दौरान बीज व्यवसाय लाइसेंस के फर्म मे अवैध रूप से उर्वरक एवं कीटनाशक तथा खरपतवार नाशक दवा का व्यवसाय करते हुए पाया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर बीज अधिनियम का संबंधित द्वारा उल्लंघन करने पर बीज अनुज्ञप्ति तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई है।
इन पर गिरी कार्यवाही की गाज :
श्री डेहरिया ने बताया कि निलंबन अवधि मे यदि विक्रेताओं द्वारा दुकान खोलकर कृषि आदान सामग्री का विक्रय किया जाता है तो, बीज नियंत्रक आदेश के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिन विक्रेताओ पर कार्यवाही की गई है, उसमेें मेसर्स मनोज मौर्य मौर्य बीज भण्डार चंदिया, मेसर्स बाबूलाल चौधरी न्यू सतगुरू ट्रेडर्स चंदिया के लाइसेंस को निलंबित किया गया है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।