Shahdol : सुर्खियां बटोरने के बाद ठण्डे बस्ते में लीज निरस्त का प्रकरण
लीज से हटकर रेत का उत्खनन, अवैध परिवहन और छापे के बाद वन सहित आईपीसी व खनिज अधिनियम की धाराओं के तहत अपराध कायम हुए, मामला पूरी तरह साफ होने के बाद भी प्रशासन लीज निरस्त करने का प्रस्ताव भेजने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, इधर दोबारा मशीने खदानों में उतरने भी लगी हैं।
शहडोल, मध्यप्रदेश। 63 करोड़ की 52 खदानों का काम लेने वाली वंशिका कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की मनमानी के आगे प्रशासन ने शायद घुटने टेक दिये हैं। यही वजह है कि बीते वर्ष हुई कार्यवाही के बाद जहां डेढ़ करोड़ से अधिक के जुर्माने की फाईल दबी पड़ी है, वहीं बीते माह नवागत कलेक्टर के निर्देशन में हुई कार्यवाही और कंपनी के कारिंदों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी खनिज अमला वंशिका ग्रुप को आवंटित की गई खदानों की लीज निरस्त करने से संदर्भित कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ा रहा है, हालात यह हैं कि वंशिका की खदानों को पर खनिज अमला फाईल आगे बढ़ाने की जगह अपनी जिम्मेदारी माईनिंग कार्पोरेशन के ऊपर डालकर पल्लाझाड़ रहा है, जबकि पहले वंशिका और अब उसके साथ आधा दर्जन पेटी कांट्रेक्टर रेत खदानों की जिम्मेदारी लेने के बाद खनिज अधिकारी के केबिन में नजर आने लगे हैं। वंशिका के ऊपर कार्यवाही के मामले में बीते वर्ष नवम्बर माह के बाद, इस वर्ष भी बीते माह पत्रकारवार्ता का आयोजन कर शहडोल से भोपाल तक प्रशासन ने कार्यवाही का ढोल पीटा, लेकिन ढोल के अंदर की असली पोल यह है कि अभी तक लीज निरस्त की कार्यवाही की फाईल आगे ही नहीं बढ़ाई गई है।
तो सिर्फ चौकीदार है अमला :
खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा ने इस संदर्भ में बताया कि लीज निरस्त से लेकर अन्य कार्यवाही के संदर्भ में हमारे पास कोई अधिकार नहीं है, यह काम या तो पर्यावरण विभाग देखेगा या फिर माईंनिंग कार्पोरेशन आगे की कार्यवाही करेगा, उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ वाहनों की जांच अर्थात अवैध उत्खनन न हो, उसकी चौकीदारी करने का जिम्मा मिला है, सवाल यह उठता है कि जब जिम्मेदारों के रहते ही करोड़ों का खनिज चोरी हो जाये तो, वसूली सिर्फ वंशिका गु्रप जैसे फर्म के अलावा उन चौकीदारों से भी होनी चाहिए, जो हर माह लाखों का वेतन लेकर चोरी रोकने का जिम्मा लिए हुए हैं।
यह था बीते वर्ष का मामला :
बीते वर्ष वंशिका कंस्ट्रक्शन के द्वारा बोड्डिहा और पोड़ी खदान में रेत नीलामी वाले निर्धारित स्थल की जगह दूसरे स्थान से निकाली जा रही थी। ब्यौहारी के बोड्डिहा नामक स्थान पर बनास नदी में 4.22 हेक्टेयर की खदान स्वीकृत हुई थी, शुरूआती महीनों में ही विशालकाय मशीनें और हाईवा नदी में उतारकर पूरी रेत छान ली गई। बीते डेढ़ माह से नदी के दूसरे तरफ, बायोस्फियर रिजर्व एरिया में मशीने उतारकर रेत निकाली जा रही थी। इसी तरह पोड़ी स्थित सोन नदी के आवंटित रेत खदान स्थल से हटकर व चरकवाह नामक स्थान से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था। इस मामले में छापे और जांच के बाद वंशिका के ऊपर लगभग डेढ़ करोड़ का जुर्माना प्रस्तावित किया गया था, इसके अलावा बीते माह पोड़ी में भी पुलिस व राजस्व की संयुक्त टीम ने वर्तमान कलेक्टर के मार्गदर्शन में छापामार कर आपराधिक मामले कायम किये थे, यहां भी लीज की शर्तों का उल्लंघन किया गया था, पहले की तरह यह मामला भी खनिज अमले से हुए गुपचुप मैनेजमेंट के कारण निरस्तीकरण की ओर आगे नहीं बढ़ा।
दर्ज हुआ था धोखाधड़ी का मामला :
राजस्व विभाग व पुलिस की संयुक्तकार्रवाई में कूटरचना कर रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण करने पर वंशिका कंस्ट्रक्शन के जीएम अजीत सिंह जादौन, मैनेजर अमन खान तथा वाहन मालिक एवं चालकों के विरूद्ध धारा 379, 414, 420, 465, 467, 468, 120-बी भादवि व 4/21 खनिज अधिनियम तथा 51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था। वंशिका के जीएम को गिरफ्तार भी किया गया था। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि कार्रवाई का प्रतिवेदन कलेक्टर कोर्ट भेज दिया गया है। निविदा की शर्तों के उल्लंघन पर निविदा निरस्त करने के संबंध में राज्य स्तर स्तर पर निर्णय होना है, कलेक्टर के माध्यम से इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
यह है वंशिका कंस्ट्रक्शन का पॉलीटिकल कनेक्शन :
वंशिका कंस्ट्रक्शन उस वंशिका ग्रुप की कंपनी है जिसको तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा का वर्दहस्त है। चूंकि संजय शर्मा पहले भाजपा में थे लिहाजा प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन का उनकी कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ा, उल्टे वह पहले से ज्यादा पॉवर फुल हो गईं। वंशिका कंस्ट्रक्शन की पॉवर बढ़ी शहडोल की रेत खदानों के संचालन में प्रदेश के माइनिंग सेक्टर में खासा दखल रखने वाले सुधीर शर्मा का साथ मिलने से। शहडोल में वंशिका की रेत खदानों का काम देख रहे लोग ही खुले आम यह कहते हैं कि अब तो संजू भैया के साथ सुधीर भैया का भी साथ मिल गया। जिले में भी वंशिका का पॉलीटिकल कनेक्शन कमजोर नहीं है, ब्यौहारी विधायक शरद कोल पर वंशिका के ऊपर काम में साझेदारी के लिए दबाव बनाने और काम न मिलने पर शिकायतें करना पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुका है, विधायक शरद कोल ने 2 सितम्बर 2020 को विभागीय पत्र क्रमांक 602 में कलेक्टर शहडोल को वंशिका द्वारा ब्यौहारी क्षेत्र में किये जा रहे अवैध उत्खनन के संदर्भ में पत्र दिया गया था, इसके तत्काल बाद ही ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में उनका दखल और शेष खदानों में भाजपा संगठन के दिग्गजों, यहां तक की शहडोल नगर भाजपा के पदाधिकारी का रेत खदानों से निराला गठजोड़ हर आम और खास की जानकारी में है, बीते माहों में जब जिले में नये मुखिया की दस्तक हुई तो, प्रशासनिक चाबुक ने पुराने सभी पॉलीटिकल कनेक्शनों की धज्जियां उड़ा दी, लेकिन तेंदूखेड़ा का पॉलीटिकल प्रेशर आज भी कायम है। दूसरी तरफ ब्यौहारी और शहडोल के तथाकथित नेता फिर इस रेत के खेल से सोना निकालने के फेर में लगातार बैठकें और दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
इनका कहना है :
लीज निरस्त करने का अधिकार माईनिंग कार्पोरेशन का है, हमें सिर्फ जांच व जुर्माने आदि कार्यवाही के अधिकार हैं।
प्रमोद शर्मा, जिला खनिज अधिकारी, शहडोल
मामला अभी जांच में है, लीज निरस्त के लिए आने वाले दिनों में प्रस्ताव भेजा जा सकता है।
श्रीमती वंदना वैद्य, कलेक्टर, शहडोल
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