राज एक्सप्रेस। अभी तक तो ऐसी ही खबरें देखने और पढ़ने मिली है कि फलां स्कूल में बच्चों को समूह द्वारा पर्याप्त मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा है लेकिन हम एक ऐसे स्कूल की बात कर रहे है जहां स्कूल खुलने के बाद से ही बच्चों को मिड-डे मील, ड्रेस और स्काॅलर नहीं मिली है। शाहगढ़ तहसील के अंतर्गत दलपतपुर संकुल में भीकमपुर आबाद नई बस्ती में शासकीय प्राथमिक शाला का संचालन 2017 से किया जा रहा है। इस स्कूल के उद्वघाटन के समय जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए थे। तब स्कूल की व्यवस्था तो हो गई थी लेकिन कोई शिक्षक पदस्थ नहीं था, जिसके बाद शासकीय प्राथमिक शाला भीकमपुर रयैतवारी से शिक्षक वीर सिंह को व्यवस्थापक शिक्षक के रूप में पदस्थ किया गया था और वर्तमान में व्यवस्थापक शिक्षक के रूप में केवल एक शिक्षक प्रदीपकुमार अहिरवार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नहीं मिल सकी मूल भूत सुविधाएं
शासकीय प्राथमिक शालाओं में बच्चों को फ्री ड्रेस और दोपहर में मध्यान्ह्र भोजन दिया जाता है और कक्षा तीसरी से पांचवी तक के एससी एवं एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं को स्काॅलर दी जाती है लेकिन इस स्कूल में वर्ष 2017 स्कूल संचालन के समय से ही बच्चों को न मध्यान्ह्र भोजन वितरित हो रहा है न ही फ्री ड्रेस मिली हैं। यहां तक की स्काॅलर से भी वंचित हैं। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। अधिकारियों ने इस संबंध में पत्राचार भी किया है लेकिन स्थिति तस की तस बनी हुई है।
डाइस कोर्ड पोर्टल पर नहीं हुआ दर्ज
जानकारी के अनुसार स्कूल का डाइस कोर्ड पोर्टल पर दर्ज न होने के कारण स्कूल में मिलडे मील, ड्रेस और स्काॅलर नहीं बट पा रही है क्योंकि डाइस कोर्ड दर्ज न होने के कारण बच्चों की मैपिंग नहीं हो पाई है। पगरा बांध निर्माण के कारण ग्रामीणों का विस्थापन किया गया है और कई विस्थापितों को भीकमपुर आबाद नई बस्ती में स्थापित किया गया था। बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भी खोला गया पांचवीं तक के इस स्कूल में कुल 47 बच्चे दर्ज हैं। इस स्कूल में व्यवस्थापक शिक्षक प्रदीप अहिरवार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अतिथि शिक्षक को भी नहीं मिला पूरा मानदेय
मिली जानकारी अनुसार महेन्द्र यादव ने सितंबर 2017 से अप्रैल 2019 तक स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी। जिसके बदले में उन्हें करीब 13 हजार रूपये मानदेय ही मिल पाया है।
कुछ समय पहले मुझे भी इसकी जानकारी मिली है और इस संबंध में पत्र भी मिला है। डाइस कोर्ड दर्ज न होने के कारण ये समस्याएं आ रही हैं। मैं इस संबंध में शिक्षा मंत्री से मुलाकात करूगा जिससे समस्या का हल हो सके और बच्चों को जो सुविधाएं मिलती है, मिल सके।
तरवर सिंह लोधी विधायक, बंडा
भीकमपुर आबाद नई बस्ती में प्राथमिक शाला है लेकिन डाइस कोर्ड न होने के कारण बच्चों की मैपिंग नहीं हो पा रही है। जिससे ड्रेस और मध्यान्ह्र भोजन नहीं मिलेगा। इस संबंध में वरिष्ट अधिकारियों को पत्र भेजा है। अतिथि शिक्षक को तीन महीने के लिए रखा गया था जिसका तेरह हजार दो सौ रूपये भुगतान किया गया था।
वबलेन्द्र जैन संकुल प्राचार्य दलपतपुर
स्कूल का डाइस कोर्ड जनरेट न होने के कारण ये समस्या आई है। संबंधित अधिकारियों को पत्राचार भी किया गया है।
प्रदीपकुमार अहिरवार व्यवस्थापक शिक्षक भीकमपुर आबाद
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