साध्वी प्रज्ञा ने राम जन्मभूमि को लेकर कहा, हमने ढांचे को खोद कर हटाया, गारे की दीवार खड़ी की
Sadhvi Pragya Controversy: सांसद साध्वी प्रज्ञा आये दिन अपने बयानों के चलते चर्चाओं में रहतीं है। प्रज्ञा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'लोक परंपरा में श्रीराम' विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी में शामिल हुई थीं। ये संगोष्ठी आज समाप्त हुई है। इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने सभागार में विवादित बयानबाज़ी की है। प्रज्ञा ने अपने भाषण की शुरुआत राम और कृष्ण के जयकारों के साथ की। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का विषय 'लोक परंपरा में श्रीराम' था। जिसमें प्रज्ञा ने ढांचा गिराए जाने को लेकर बड़ी बात कही है। अपने इस भाषण में उन्होंने कांग्रेस समेत राहुल गांधी पर निशाना साधा। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया था जिसे अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटा दिया गया है।
अपने इस वक्तव्य में प्रज्ञा ने राम जन्मभूमि को लेकर कहा, "हम लोगों ने उसे खोद कर हटाया। इसके बाद में गारे की दीवार खड़ी की। उसी के ऊपर से टेंट लगाया। इन सब में हमारी भूमिका थी, ये हमारा सौभाग्य है। लेकिन, वहां जब वहां भगदड़ मचने लगी, हंगामा होने लगा, हम तो उस वक्त पूरी तैयारी के साथ गए थे। "
इसके आगे प्रज्ञा ने कहा कि, "हमारे पिता जी ने कहा था कि लौटने का लोभ मन में नहीं रखना। मन में लौटने का विचार मत करना, समर्पित होकर जाओ। तुम राम जी की हो, इसलिए जब गए, तो हम सोच-विचार करके गए थे कि जो कर्म करेंगे, वो राम जी का और अगर चले गए तो भी राम जी के लिए। इसलिए जब वहां पहुंचे और बच गए, वापस आए तो रास्ते में लोगों ने कहा- नारे मत लगाना प्रज्ञा जी...। मैंने कहा क्यों? उस वक्त भयंकर कर्फ्यू लग गया था। लोगों ने कहा- नारे मत लगाना पुलिस पकड़ लेगी। हमने वहीं जोर जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए।"
प्रज्ञा ने भाषण में राम को लेकर कहा-
"हमारे जयकारे में संकल्प छिपा है। समझ सको तो समझ लो। मैं राममय हूं। राम के लिए जीती हूं। राम मेरी भक्ति और राम मेरी शक्ति हैं। मैं राम जी के ऊपर क्या बोलूं, मेरा जीवन ही उनसे शुरू हुआ। हमारे राम जी जब वन गए, तो बन गए। राम के कर्म ने उन्हें बना दिया। राम के कर्म ने राष्ट्र को एक किया। राम के लिए 6 दिसंबर को पूरे देश की जनता आई थी।"
राम मंदिर को लेकर प्रज्ञा ने कहा-
"जब राम के मंदिर के लिए आह्वान हुआ, दुष्टों को नकारा, भक्ति को स्वीकार किया, तब पता चला कि हमारे देश में राम कितने विख्यात हैं। दक्षिण भारत से 6 दिसंबर को राम के लिए कितने विराट रूप में जनता अयोध्या आई। मैं 1 दिसंबर को कर्म करने अयोध्या पहुंच गई थी। पंजाब, दक्षिण भारत, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू कश्मीर सहित संपूर्ण भारत से लोग आए थे। उस वक्त जम्मू कश्मीर जल रहा था। लोग कहते हैं कि हमारे यहां राम ने यह किया। सबका वर्णन सुनने से पता चला कि सबके मन में जो राम हैं, वह उद्गार सबका निकलने के लिए अयोध्या पहुंचना आवश्यक था।"
"राम के विरोध करने का क्या फल होता है? अगर कुछ नहीं होता, तो एक आंख तो फूट ही जाती है।"
कांग्रेस पर हमला करते हुए प्रज्ञा ने भाषण के दौरान कहा कि, "राम के विरोध करने का क्या फल होता है? अगर कुछ नहीं होता, तो एक आंख तो फूट ही जाती है। जिसने राम सेतु के अस्तित्व को नकारा, कोर्ट में जो खडे़ हुए, उनकी क्या गति हुई? उस पार्टी को ही छोड़ना पड़ा। दूसरी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे। जिस पार्टी के द्वारा तुम खड़े किए गए, वो पार्टी ही नहीं बचेगी। और बची भी नहीं। सांसें भर रही हैं, उसके हृदय को दबाया जा रहा है। एकाध कभी-कभी कर्नाटक जैसे प्रदेश में उचक जाती है।"
ध्यान आने लगा तो तुरंत उल्टी-सीधी धोती पहनकर मंदिर जाने लगे-
अपने भाषण के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि, "मुझे एक ही बात लगती है कि राम को अस्वीकार करना अपने जीवन को निराधार बना लेना है, इसलिए अब राम को अस्वीकार कर लिया तो अस्तित्व समाप्त होने लगा। इसलिए अब ध्यान आने लगा तो तुरंत उल्टी-सीधी धोती पहनकर मंदिर जाने लगे। कोट के ऊपर जनेऊ पहनकर, ब्राह्मणों को पूजा जाने लगा। गोत्र भी बताया जाने लगा। मुझे लगता है कि हमारा देश संस्कृति वान देश है। हमारा राष्ट्र संस्कारवान राष्ट्र है। यहां के देवी-देवता शास्त्र, शस्त्र सब कहते हैं कि तुमने हमें अस्वीकार किया, तो हम तुम्हारे आधार छीन लेंगे। वह कहते हैं यदि तुमने हमें स्वीकार किया और हम तुम्हारे हुए तो तुम हमारे हो जाओगे।'
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