रोप वे के लिए सेवा नगर में आरक्षित स्थल नहीं है उपयुक्त : विवेक नारायण शेजवलकर
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। फूलबाग से किले तक प्रस्तावित रोप वे को लेकर एक बार फिर माहौल गर्मा गया है। प्रशासन एवं नगर निगम ने बिना जनप्रतिनिधियों को जानकारी दिए रोप-वे का स्थल परिवर्तन करने की तैयार कर दी जबकि वर्तमान स्थल को लेकर किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। इस मामले में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। इसके बाद से मामला फिर सुर्खियों में है। सांसद ने कहा कि सेवा नगर कब्रिस्तान के बगल में रोप वे के लोअर टर्मिनल के लिए जो स्थान आरक्षित किया गया है वह पूरी तरह अनुपयुक्त है। रोप-वे फूलबाग में ही बनना चाहिए।
पयर्टन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फूलबाग मैदान के बगल से किले तक रोप वे बनाने का प्रस्ताव नगर निगम परिषद द्वारा पास किया गया था। इस प्रस्ताव के बाद जगह आरक्षित हुई और कलक्तता की दामोदर राव रोप वे द्वारा वर्ष 2017 में कार्य शुरू किया गया। लेकिन वर्ष 2019 में ग्वालियर दुर्ग के ऊपर अपर टर्मिनल के काम को बिना कोई कारण बताए रोक दिया गया। तीन वर्षों से यह काम बंद है और अधिकारी सटीक जबाव नहीं दे रहे। साथ ही रोप वे के लिए फूलबाग की जगह सेवा नगर कबिस्तान के पास में 30 हजार वर्गफीट एवं ग्वालियर दुर्ग पर उरवाई गेट के पास 40 हजार वर्गफीट जगह आरक्षित की गई है। इस स्थिति पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने आपत्ति दर्ज कराते हुए शासन प्रशासन को पत्र लिखे लेकिन काम चालू नहीं हुआ। इसके बाद सांसद द्वारा ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी गई और बताया गया कि फूलबाग में बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। इसी वजह से रोप-वे के लिए इस स्थान का चयन किया गया। इसके लिए परिसद में प्रस्ताव पारित कराया गया और जनप्रतिनिधियों से भी सहमति ली गई। लेकिन अब बिना किसी से चर्चा किए रोप-वे का स्थल परिवर्तन कर दिया गया जो पूरी तरह अनुचित है।
पत्र में इन मुख्य बातों का किया गया जिक्र :
नगर निगम व जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से अपर व लोअर टर्मिनल का निरीक्षण कर सर्वाधिक उपयुक्त जगह का चयन किया। कुछ संस्थाओं द्वारा दिए गए सुझाव पर ही फूलबाग एवं किले की जगह चुनी गई। फिर यहां काम क्यों रोका गया।
रोप वे के अपर एवं लोअर टर्मिनल पर स्ट्रक्चर खड़ा हो चुका है, इसके फोटो पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूं। 18 दिसंबर 2021 को प्रशासक नगर निगम को सारी स्थिति से अवगत कराते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ करने पत्र लिखा।
1 जनवरी 2019 से काम बंद रहने के उपरांत भी किन्ही लोगों के द्वारा की गई शिकायत के संदर्भ में किए गए स्थल निरीक्षण के पश्चात एनएमए ने 1 अप्रैल 2019 को पत्र जारी कर ग्वालियर दुर्ग की दीवार पर पड़ी दरारों के बारे में चिंता व्यक्त की व इसकी मरम्मत हेतु आदेशित किया।
एनएमए के इस पत्र में भी यह स्पष्ट है कि दुर्ग की दीवार संरक्षित स्मारकों की श्रेणी में नहीं आती। संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा का कोई भी मुद्दा न होते हुए भी पता नहीं क्यों पत्र में इनका उल्लेख किया गया।
सारा निर्माण एनएमए व नगर निगम द्वारा स्वीकृत ड्रांईग डिजाईन के अनुसार एनएमए द्वारा जारी एनओसी की शर्तों के अनुरूप हो रहा था। इसलिए एनएमए द्वारा न तो काम रोकने हेतु कहा गया न स्थल के विषय में कोई आपत्ति दर्ज की।
वस्तु स्थिति यह है कि दुर्ग की दीवार से 03 मीटर दूरी पर निर्माणाधीन टॉवर के फाउण्डेशन की खुदाई का कार्य पूर्ण किया जाकर क्रांकीट का काम भी काफी कुछ हो चुका है। अब वहां दुर्ग की दीवार के निकट कोई भी खुदाई कार्य नहीं है।
एनएमए के उपरोक्त पत्र के आधार पर नगर निगम के आग्रह पर नगरीय प्रशासन व विकास विभाग मप्र शासन ने निरीक्षण दल का गठन किया। दुर्ग की दीवार की सुरक्षा की दृष्टि से इस दल ने यह सुझाव दिया कि अपर टर्मिनल का निर्माण ग्वालियर दुर्ग की दीवार से पर्याप्त दूरी पर किया जाए। अपर टर्मिनल के स्थान में परिवर्तन की कोई सलाह भी इस दल ने नहीं दी। इस दल ने ही रोप वे निर्माण एजेंसी से कोई बात भी नहीं की।
एनएमए के प्रायोजित निरीक्षण व टिप्पणी जिसको मुद्दा बनाकर निगम प्रशासक दुर्ग पर स्थल रोप वे अपर टर्मिनल को अन्यंत्र स्थानांतरित करना चाहता है के संबंध में एनएमए स्थिति स्पष्ट कर चुकाहै। एनएमए द्वारा मुझे प्रेषित पत्र क्रमांक 2-4/46/2015 दिनांक 27/07/2020 में यह स्पष्ट किया है कि उस स्थान हेतु एनएमए द्वारा पूर्व में भी जारी अनापत्ति यथावत है व की गई टिप्पणियों का उस पर कोई प्रभाव नहीं है। उपरोक्त पत्र की प्रतिलिपी एनएमए ने निगमायुक्त को भी प्रेषित की है।
इनका कहना है :
रोप वे बनाने का प्रस्ताव नगर निगम परिषद में पास कराया। कई संस्थाओं के सुझाव आए तब जाकर फूलबाग से ग्वालियर किले तक रोप-वे बनाने पर सहमति बनी। टेण्डर हुए 11 विभागों से एनओसी ली गई। इसके बाद बिना किसी से पूछे रोप-वे का स्थल परिवर्तन करने की योजना बना ली गई। इन सभी बातों को संज्ञान में लाते हुए मैंने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखा था। सेवा नगर कब्रिस्तान के पास जो स्थान रोप वे के लोअर टर्मिनल के लिए आरक्षित किया गया है वह पूरी तरह अनुपयुक्त है।
विवेक नारायण शेजवलकर, सांसद, ग्वालियर
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