रेहटी, मध्यप्रदेश । नगर के शासकीय महाविद्यालय के बर्खास्त अतिथि विद्वान घनश्याम कौरव जब तक कॉलेज में नौकरी करते रहे तो उनका ज्यादातर समय अपने सहकर्मियों के साथ विवादों में ही बीता। ये विवाद ही उनकी बर्खास्तगी का कारण भी बन गए। अब ये ही अतिथि विद्वान कॉलेज के छात्र-छात्राओं को लेख के माध्यम सेे अधिकार बताने की बात कर रहे हैं। वे लगातार अपनेे सोशल मीडिया एकाउंट्स पर स्टेेट्स के माध्यम सेे छात्र-छात्राओं और कॉलेज के स्टॉफ के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं।
शासकीय महाविद्यालय रेहटी मेें नगर सहित आसपास के लगभग 1200 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनको पढ़ाने के लिए कॉलेज में अतिथि विद्वानों की सेवाएं ली गईं हैं। इन्हीं में एक अतिथि विद्वान घनश्याम कौरव भी हैं। इन्हें राजनीति विज्ञान पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन इनका ज्यादातर समय पढ़ाने की बजाए राजनीति करने में ही गुजरा और यही कारण रहा कि वे अपने सहकर्मियों के साथ हमेेशा ही विवादों में बनेे रहे।
बर्खास्त अतिथि विद्वान घनश्याम कौरव की कई शिकायतें कॉलेज प्रबंधन तक पहुंचीं। ये शिकायत छात्र-छात्राओं एवं स्टॉफ के द्वारा भी प्रबंधन तक की गई थीं। कई ऐसे भी घटनाक्रम हुए हैं जो कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हैं। जब शिकायतों पर एक जांच समिति गठित की गई और जांच समिति ने शिकायतों को सही पाया। उसके बाद अतिथि विद्वान घनश्याम कौरव को बर्खास्त कर दिया गया।
अब कर रहे वापस आने की कोशिश:
नौकरी से बर्खास्त किए जा चुके अतिथि विद्वान घनश्याम कौरव फिर से नौकरी में वापस आने के लिए हर स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। अब वे लगातार अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर स्टेट्स बदल-बदल कर गलतियों को बता रहे हैं। उन्होंने समय-समय पर अपने स्टेट्स पर कॉलेज एवं पढ़ाई के सिस्टम को लेकर लिखा है।
उन्होंने लिखा है कि, 'मैं आपको महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के अधिकार और कर्तव्य के बारे में एक लेख के माध्यम से बताऊंगा। एडमिशन अगस्त से शुरू हो जाएंगे। अत: आप सभी का पता होना चाहिए कि महाविद्यालय में छात्र.छात्राओं को क्या अधिकार प्राप्त होते हैं। कौन सी योजनाओं का लाभ मिल सकता है और किसी तरह हम अपने कालेेज को एक उत्कृष्ट अच्छे शिक्षा संस्थान में बदल सकते हैं। आपके स्टडी गु्रप में लेख भेजूंगा। सभी छात्र-छात्राओं को इस लेख को पढऩा है और मेरे व्हाट्सएप नंबर 9753303824 पर अपना पक्ष रखना है। अपने स्थानीय सरकारी स्कूलों के सुधार हेतू भी लिखूंगा।'
इनका कहना है घनश्याम कौरव हमारे कॉलेज में अतिथि विद्वान थे, लेकिन उन्हें अब कॉलेज से बर्खास्त किया जा चुका है। अब वे अपनेे सोशल मीडिया एकाउंट्स के स्टेेट्स पर छात्र-छात्राओं को उकसाने वाली सामग्री लिख रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं के साथ ही हमारे कॉलेज का स्टॉफ भी मानसिक रूप से परेशानी झेल रहा है।
अंजलि गढ़वाल, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, रेहटी
मैं जब कॉलेज में था उस समय भी मैं समय-समय पर बच्चों को उनके अधिकारों को लेकर बताता था। अब स्टेट्स पर कई चीजें लिखता हूं और ये मेरा अधिकार भी है। मैं अहिंसावादी व्यक्ति हूं।
घनश्याम कौरव, बर्खास्त अतिथि शिक्षक
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