ग्वालियर, मध्य प्रदेश। अंचल में अवैध शराब का कारोबार लम्बे समय से फैला हुआ है और जब मुरैना जिले के छैरा गांव में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मौत के बाद से ही अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ पुलिस एवं आबकारी विभाग सक्रिय हो गया है। राज एक्सप्रेस ने 21 जनवरी के अंक में 'छोटे समूह होते तो अवैध शराब का कारोबार नहीं पनपता' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद मुरैना कलेक्टर ने अवैध शराब का कारोबार करने वाले जौरा के रहने वाले रविन्द्र सिंह सिकरवार को ग्वालियर-चंबल इलाके से जिला बदर करने की कार्यवाही की।
अंचल में अवैध शराब का कारोबार बड़े समूह बनने के बाद से तेजी के साथ बढ़ा है और इसमें लॉकडाउन के समय शराब दुकान बंद रहने के बाद ओर इजाफा हो गया था। छैरा गांव की घटना के बाद पुलिस पूरे मामले को मोडने में लगी हुई है, क्योंकि जिस गांव में जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई है उस गांव में दूसरे प्रदेश से लोग जुआ खेलने के लिए आते है ओर जुआ जब गांव में होता है तो उसकी खबर पुलिस को न हो ऐसा होना संभव नहीं है।
छैरा गांव के पास ही सिकरोदा गांव में भी रविन्द्र सिंह सिकरवार लम्बे समय से अवैध शराब का काम कर रहा है, क्योंकि उसने मालनपुर स्थित विदेशी बॉटलिंग यूनिट गोल्डवाटर प्रा. लि. में काम किया है जिसके कारण उसे अवैध शराब बनाने की पूरी प्रक्रिया बेहतर तरीके से आती थी। उक्त व्यक्ति को रायरू स्थित मैसर्स ग्वालियर एल्कोबू प्रा. लि. के डिस्टलर की शिकायत पर 12 जनवरी 2015 को विदेशी मदिरा यूनिट पर देशी मदिरा की भराई करते हुए संभागीय उडऩदस्ते ने भी पकड़ा था। उस समय उसके पास से ओपी मदिरा, नकली लेबिल, नकली ढक्कन एवं पेट वारदाना भारी मात्रा में बरामद हुए थे। इस व्यक्ति के ठिकानों पर शुक्रवार को पुलिस ने कार्यवाही कर अवैध शराब तो पकड़ी, लेकिन रविन्द्र सिंह फरार हो गया। आबकारी विभाग की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर मुरैना ने शुक्रवार को अवैेध शराब का कारोबार करने वाले रविन्द्र सिंह सिकरवार को ग्वालियर-चंबल अंचल से तड़ी पार करने का आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद अगर रविन्द्र सिंह ग्वालियर-चंबल अंचल में कही दिखाई देता है तो उसकी गिरफ्तारी तत्काल की जाएगी।
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