सावरकर कॉपी विवाद में राजनीतिक रंग, प्राचार्य के पक्ष में आए MLA
राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के मलवासा स्कूल के वीर सावरकर के कॉपी विवाद का मामला बढ़ता ही जा रहा है जिसमें अब राजनीतिक मोड़ आ गया है प्राचार्य आरएन केरावत के निलंबन को बहाल करने के लिए विरोध में बैठे स्कूली छात्रों के समर्थन में भाजपा विधायक दिलीप मकवाना आ गए है। भाजपा विधायक ने मामले पर कहा कि, प्राचार्य के खिलाफ की गई कार्रवाई गलत और निराधार है। हालांकि डीईओ केसी शर्मा की समझाइश के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों द्वारा मामले को लेकर अनशन खत्म कर दिया गया है।
भाजपा विधायक मकवाना ने कहा :
इस मामले पर प्रदर्शन कर रहे स्कूली छात्रों के बीच जाकर भाजपा विधायक ने छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि- प्राचार्य केरावत के खिलाफ इस मामले पर की गई कार्रवाई गलत है यदि निलंबन बहाल नहीं किया गया तो विरोध प्रदर्शन अनवरत जारी रहेगा।
क्या है पूरा मामला :
जानकारी के मुताबिक, यह मामला जिले मलवासा क्षेत्र के एक शासकीय हाईस्कूल का है जहां गत 4 नवंबर को एक एनजीओ द्वारा परीक्षा की तैयारी में सहायता के लिए नि:शुल्क कॉपियां बांटी गई थी, जिसकी शिकायत किसी ने शिक्षा विभाग से कर दी। जिस मामले को गंभीरता से लेते हुए उज्जैन के आयुक्त अजीत कुमार ने प्राचार्य पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था। आयुक्त का कहना है कि, विभाग के डीईओ की अनुमति के बिना कॉपियों का वितरण किया गया, जो कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर अनियमितता का कारण है। जिस मामले पर प्राचार्य केरावत का कहना था कि, छात्रहित के लिए यह कार्य किया गया है और आगे भी छात्र हित के लिए कार्य करता रहूंगा।
सड़कों पर निकाला था विरोध मार्च :
बता दें कि मामले में प्राचार्य को निलंबित करने को लेकर स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों ने सड़कों पर निकलकर विरोध मार्च किया था साथ ही शिक्षा विभाग के डीईओ से भी निलंबन को बहाल करने की मांग की थी।
समझाइश के बाद छात्रों का अनशन खत्म :
इस मामले में भाजपा विधायक के समर्थन देने के बाद आज निलंबन को बहाल करने की मांग लेकर बैठे छात्रों के अनशन को शिक्षा विभाग के डीईओ की समझाइश के बाद खत्म कर दिया है। बता दें कि, मामले में डीईओ केसी शर्मा ने धरने पर बैठे छात्रों और परिजनों को समझाइश दी। जिसके बाद आज से बच्चों ने कक्षाएं शुरू की हैं। जिला पंचायत सीईओ संदीप केरकेट्टा ने बताया कि निलंबन का प्रस्ताव संभाग स्तर पर हुआ है। वहीं मामले में प्राचार्य केरावत ने सफाई देते हुए जनहित में कार्य करने की बात करते हुए कॉपी से वीर सावरकर के पृष्ठ को फाड़ने की बात कही है फिलहाल इसका आधार स्पष्ट नहीं हुआ है। बहरहाल मामले में संभागायुक्त अजीत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचार्य ने अनुशासनहीनता की है। राजनीति हो रही है इसकी जानकारी नहीं है। पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए डीईओ को निर्देश दिए गए थे कि बच्चों को समझाएं, फिलहाल अभी प्राचार्य निलंबित ही रहेंगे।
नि:शुल्क कॉपियों के वितरण पर उठे सवाल, प्राचार्य को किया निलंबित
प्राचार्य के निलम्बन को रद्द कराने छात्रों सहित जनता हुई लामबद्ध
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