राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने एवं निदानात्मक उपायों को सुनिश्चित करने के लिहाज़ से कलेक्टर रुचिका चौहान ने अधिनियम की धारा 26 (2) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए कहा है कि, जो भी गरीब, निराश्रित एवं प्रवासी श्रमिक जिस भी जगह पर रह रहे हैं, उनके भोजन एवं रहने की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगरीय निकायों द्वारा की जाएगी।
उक्त व्यवस्थाओं के लिए संबंधित निकाय अपनी निधि, पंच परमेश्वर की राशि तथा तदर्थ समिति के फण्ड का उपयोग कर सकेंगे। इस कार्य हेतु यथासंभव समाजसेवियों, दानदाताओं का भी सहयोग लिया जाए। नगर निगम आयुक्त संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत उक्त कार्य एवं व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होंगे। ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव, आंगनबाड़ी स्टाफ तथा ग्राम रक्षा समितियों के माध्यम से कार्य किया जाए।
संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अपने-अपने क्षेत्रों के मण्डी सचिव एवं अनाज व्यापारियों से चर्चा कर सूखे अनाज की व्यवस्था करें। जो भी व्यक्ति बाहर से आए हैं, उन्हें अनिवार्य रुप से 14 दिनों की अवधि के लिए स्वास्थ्य विभाग के मानक प्रोटोकाल का पालन करते हुए होम क्वारन्टाइन में रखा जाए। जहां अधिक संख्या में बाहर से आए ऐसे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए आवास नहीं हैं, उनके लिए निकटस्थ शासकीय भवनों जैसे स्कूल, होस्टल आदि मे पुनर्वास शिविर स्थापित कर रुकने एवं भोजन की व्यवस्था करें।
उक्त शिविरों पर होने वाला व्यय म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश के तहत विकल्पनीय होगा। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस इस व्यवस्था के लिए उत्तरदायी अधिकारी रहेंगे।
उद्योगों, दुकानों तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रकार के नियोक्ता अपने श्रमिकों को नियत तिथि पर बिना किसी कटौती के लॉकडाउन की अवधि सहित उनके पारिश्रमिक का अनिवार्य रुप से भुगतान करेंगे। ऐसी समस्त फेक्टरी, कम्पनी, दुकानें या व्यावसायिक प्रतिष्ठान जहां बाहर से आए मजदूर कार्य कर रहे हैं, उनके भोजन आदि की व्यवस्था के लिए उस प्रतिष्ठान के मालिक जिम्मेदार होंगे। उक्त निर्देशों का पालन कराने की जवाबदारी सहायक श्रमायुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, जिला आपूर्ति नियंत्रक, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम तथा जिला प्रबंधक मार्कफेड होगी।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने यह भी आदेश जारी किए हैं कि 30 अप्रैल तक कोई भी मकान मालिक अपने किरायेदार पर किराये के लिए दबाव नहीं बनाएगा। न ही कोई मकान मालिक श्रमिकों एवं विद्यार्थियों को अपने परिसर खाली करने के लिए बाध्य करेगा। यदि कोई मकान मालिक ऐसा करता है तो उसके विरुद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
समस्त शासकीय या निजी होस्टल में रह रहे बच्चों, छात्रों की भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित होस्टल अधीक्षक, होस्टल संचालक की होगी। सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी होंगे। समस्त संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी (इन्सीडेंट कमाण्डर) अपने अनुभाग क्षेत्र में उक्त आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करेंगे। उक्त आदेशों का उल्लंघन किए जाने पर संबंधित व्यक्ति आपदा प्रबंधन क्षेत्र में धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही हेतु उत्तरदायी होगा।
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