रतलाम, मध्यप्रदेश। रंगपंचमी और रविवार के बीच शनिवार को भी लॉकडाउन की खबर से अगले तीन दिन की तैयारी कर रही महिलाओं पर प्रशासन ने उनकी धार्मिक भावनाओं पर असर डालने वाले नया संकट खड़ा कर दिया है। चेत्र महिने की सप्तमी पर पूरे देशभर में मनाए जाने वाली शीतला सप्तमी की पूजा पर रतलाम प्रशासन ने रोक लगा दी है। गुरूवार की शाम शीलता माता मंदिर के पूजारियों के साथ हुई बैठक में एसडीएम ओर सीएसपी ने मंदिरों में पुजारियों द्वारा ही सांकेतिक पूजा की बात कही। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने जनहित में यह निर्णय लिया है। शीतला सप्तमी की पूजा का महत्व का अंदाज आप इस बात से लगा सकते है कि महिलाए अलसुबह से ही पूजा के लिए मंदिरों में जाना शुरू कर देती हैं। महिलाओं की पूजा की परंपरा काफी लंबी होती है जिसमें घंटों इंतजार करने के बाद भी अधिकांश महिलाए शुभ मुहुर्त में पूजा नहीं कर पाती हैं। देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस निर्णय पर कितनी कड़ाई से पालन करवा पाता है।
बीते दिनों में शहर में आए कोविड संक्रमित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण प्रशासन ने यह कठोर निर्णय लिया। कोविड-19 बीमारी को डब्ल्यूएचओं द्वारा वैश्विक महामारी के रूप में चिंहित किया गया है। वर्तमान में रतलाम शहर में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है। जिसके संबंध में एसडीएम शहर अभिषेक गेहलोत और सीएसपी हेमंत चौहान द्वारा रतलाम शहर में शीतला माता मंदिर के प्रंबधक पुजारियों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें रतलाम शहर के समस्त शीलता माता मंदिर, पूजा स्थलों पर कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शीतला सप्तमी के अवसर पर केवल संबंधित पूजारी द्वारा सांकेतिक पूजा किए जाने का निर्णय लिया गया। मंदिर पर आम व्यक्तियों, महिलाओं द्वारा पूजा करना पूर्णयता प्रतिबंध रखा गया है।
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