Ramraja Lok Orchha
Ramraja Lok OrchhaRE-Bhopal

ओरछा के रामराजा की कहानी : अयोध्या से 8 माह 28 दिन पैदल चलकर महारानी गणेश के साथ आए थे राजा राम

Ramraja Lok Orchha : मध्यप्रदेश सरकार अब यहाँ रामराजा लोक का निर्माण कर रही है। जल्द ही यहाँ 12 एकड़ में भव्य रामराजा लोक बनकर तैयार होगा।
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राज एक्सप्रेस। ओरछा में महाकाल लोक की तर्ज पर बनाया जा रहा है रामराजा लोक। मध्यकाल में बुंदेलखंड की महारानी कुँवर गणेश अयोध्या से 8 माह 28 दिन पैदल चलकर भगवान राम को ओरछा लेकर आई थीं। महारानी की रसोई में भगवान राम के बाल स्वरुप को स्थापित किया गया था तब से वे यहीं हैं। मध्यप्रदेश सरकार अब यहाँ रामराजा लोक (Ramraja Lok Orchha) का निर्माण कर रही है। जल्द ही यहाँ 12 एकड़ में भव्य रामराजा लोक बनकर तैयार होगा। आइये जानते हैं भगवान राम की ओरछा से जुड़ी कहानी और रामराजा लोक (Ramraja Lok Orchha) की विशेषताएं।

जानिए रामराजा लोक (Ramraja Lok Orchha) की विशेषताएं :

  • महाकाल लोक की तर्ज पर बनाया जाएगा रामराजा मंदिर।

  • रामराजा लोक का होगा भव्य प्रवेश द्वार।

  • श्री राम की बाल लीलाओं को बताने के लिए बनेगा बाल काण्ड प्रांगण।

  • उत्तर प्रांगण में बताई जाएगी भगवान राम की राजा रूप में कथाएं।

  • राजभोग पाठशाला का होगा निर्माण।

  • मंदिर में लगाई जाएगी महारानी कुँवर गणेश की प्रतिमा। बताया जाता है कि महारानी गणेशी ही श्री राम की मूर्ती आयोध्या से ओरछा लाई थीं।

  • लगाई जाएंगे भगवान राम की करीब 100 प्रतिमाएं।

  • अनुमानित कीमत अभी सवा करोड़ बताई जा रही है।

  • रामराजा लोक के आस-पास बनाये जांएंगे शॉपिंग काम्प्लेक्स और कई नई दुकानें।

रामराजा लोक
रामराजा लोकRE-Bhopal
ओरछा में रामराजा लोक
ओरछा में रामराजा लोकRE-Bhopal
ओरछा में भगवान राजाराम
ओरछा में भगवान राजारामRE-Bhopal

क्या है बुंदेलखंड की आयोध्या रामराजा लोक की कहानी:

यह बात मध्यकाल की है। बुंदेलखंड की महारानी कुँवर गणेश मंदिर में बैठकर भगवान राम की पूजा कर रहीं थीं उस समय राजा मधुकर शाह वहां से गुजरे और रानी पर हंसने लगे। इस बात से रानी रुष्ट हो गई और राजा से उनके हंसने का कारण पूछा। तब मधुकर शाह ने कहा, कितना विचित्र है कि, भक्त बैठ कर पूजा कर रहा है और भगवान खड़े हैं। इस बात पर रानी में कहा कि अब मैं बैठे हुए भगवान की मूर्ती कहाँ से लाऊँ। इसका जवाब देते हुए मधुकर शाह ने उन्हें अयोध्या जाने की सलाह दी। महारानी कुँवर गणेश बिना देरी के अयोध्या रवाना हो गई।

भगवान राम को गोद में लिए हुए बुंदेलखंड की महारानी कुंवर गणेश
भगवान राम को गोद में लिए हुए बुंदेलखंड की महारानी कुंवर गणेशRE-Bhopal

भगवान राम ने रखीं 3 शर्तें:

अयोध्या में महारानी ने सरयू नदी के किनारे जाकर 7 दिन तक भगवान राम का इन्तजार किया। सातवें दिन जब महारानी को भगवान राम ने दर्शन नहीं दिए तब उन्होंने नदी में कूद कर जान देने की ठान ली। इसके बाद महारानी जब नदी में छलांग लगाने जा रहीं थी तब उन्हें भगवान राम ने बाल रूप में दर्शन दिए। महारानी गणेश ने उन्हें अपने साथ जब ओरछा चलने के लिए कहा तो भगवान ने उनके समक्ष 3 शर्तें रखीं:

  • पहली शर्त जहाँ जाऊंगा वहां का राजा मैं ही रहूँगा।

  • दूसरी शर्त मैं केवल पैदल ही जाऊंगा।

  • तीसरी शर्त एक बार जहाँ बैठ जाऊंगा वहाँ से उठूंगा नहीं।

महारानी की रसोई में स्थापित भगवान राम:

महारानी ने ये तीनों शर्तें मान ली और भगवान को लेकर 8 महीना 28 दिन पैदल चलकर आयोध्या से ओरछा तक का सफर तय किया। महारानी के ओरछा आने की खबर पाकर मधुकर शाह ने ओरछा में चतुर्भुज मन्दिर बनवाने का आदेश दिया। जब महारानी ओरछा पहुंची तो उन्होंने भगवान राम की बाल स्वरुप मूर्ती की स्थापना अपने रसोई में कर दी यह सोचकर की जब मंदिर निर्माण पूर्ण हो जाएगा तब रसोई से भगवान राम को मंदिर में स्थापित कर देंगे। मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने पर महारानी ने भगवान राम को मंदिर में स्थापित करने की खूब कोशिश की लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई। सोमवार को जहाँ राजाराम लोक (Ramraja Lok Orchha) का भूमिपूजन हुआ वो महारानी गणेश की ही रसोई है।

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