इंदौर। GST खुफिया महानिदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा मध्य प्रदेश में तीन पान मसाला और तंबाकू कंपनियों के 16 स्थानों पर संयुक्त छापेमारी की गई, जिसमें 225 करोड़ रुपये के GST चोरी की खबर सामने आई।
कंपनियों के 16 स्थानों में की छापेमारी :
बताते चलें, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बढ़ते कोरोना कहर के बीच भी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), डीजीजीआई और डीआरआई के प्रवर्तन विंग के अधिकारियों ने पान मसाला / तंबाकू कंपनियों पर माल सेवा कर (GST) चोरी की अपनी कार्रवाई जारी रखी। वहीं, DGGI के अधिकारी ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि,
"9 जून से 12 जून तक इंदौर और उज्जैन में 16 संदिग्ध अवैध और अघोषित गोदामों और आवासीय स्थानों पर संयुक्त छापेमारी की।"
DGGI के अधिकारी
बताते चलें, इंदौर में कोरोना वायरस की स्थिति सबसे खराब शहरों में से एक होने के बावजूद भी अधिकारियों ने बहुत ही साहस के साथ कार्यवाही की।
अधिकारी का बयान :
बयान के अनुसार, इस छापेमारी के अभियान के दौरान 1.74 करोड़ रुपये के अघोषित तैयार माल, कच्चा माल, 15 मशीनें और 10 ट्रक को जब्त किया गया है। इनका इस्तेमाल पान मसाला और तंबाकू के निर्माण में किया गया।
बयान में कहा गया है, "इस ऑपरेशन ने डीजीजीआई द्वारा नौ 9 महीनों की अवधि के लिए 225 करोड़ रुपये एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर जीएसटी चोरी का पता लगाया है। साथ ही बताया गया है 9 जून से 12 जून तक किए गए छापे में, तीन स्वतंत्र समूहों को बड़े पैमाने पर गुप्त निर्माण में शामिल पाया गया। GST के भुगतान के बिना पान मसाला या तंबाकू की अघोषित आपूर्ति और अवैध बिक्री को प्रवर्तन एजेंसियों ने कवर किया है।
बयान के अनुसार, तीन आरोपी व्यक्तियों को भी CGST अधिनियम, 2017 की धारा 69 के तहत 12 जून को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, अघोषित फैक्ट्री परिसर में 15 मशीनों के साथ-साथ CBIC प्रवर्तन टीमों द्वारा भी पता लगाया गया था।
DGGI ने बताया, "पता लगाने से बचने के लिए, इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड और आयोजकों ने तीन डमी व्यक्तियों द्वारा कागजात पर स्वामित्व वाले पान मसाला और तम्बाकू के निर्माण और व्यापार में लगी साझेदारी / स्वामित्व / एचयूएफ फर्मों को मंगाई थी।" उन्होंने आगे बताया कि, "धोखाधड़ी और वित्तीय लाभार्थियों के कुछ मास्टरमाइंड जांच में शामिल नहीं हुए हैं। उन्हें केंद्रीय GST खुफिया विभाग द्वारा केंद्रीय GST अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के तहत बयान देने के लिए बुलाया गया है।"
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