हाइलाइट्स :
राहुल गांधी ने बताया आदिवासी और वनवासी शब्द में अंतर
राहुल गांधी की घोषणा, मध्यप्रदेश में कांग्रेस करवाएगी कास्ट सेंसस।
राहुल गांधी ने कहा, सरकार आने पर तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ाई जाएगी मजदूरी।
Rahul Gandhi Addresses a Mega Rally in Shahdol Madhya Pradesh: भोपाल, मध्यप्रदेश। कोरोना महामारी के समय आदिवासियों को ऐसा अनाज दिया गया जैसा कोई जानवर को भी नहीं देता। इनका उद्देश्य आपको आगे बढ़ने देना नहीं है। हम खोखले वादे नहीं करते। इसका उदहारण मैं आपको देता हूँ... हमने कानून बनाया अगर किसी को जमीन चाहिए तो ग्राम सभा से अनुमति लेनी होगी। ये कानून था पेसा एक्ट। भाजपा ने इस पेसा एक्ट को ही रद्द कर दिया। उन्होंने आपके करोड़ों पट्टे रद्द किये। हिंसा और सरकारी बल के प्रयोग से आपसे आपका अधिकार छीना गया। मैं आपको गारंटी देता हूँ जो कुछ आपसे छीना गया है, सरकार बनने पर उसे हम वापस कर देंगे। यह बात कांग्रेस सांसद गांधी ने शहडोल के ब्यौहारी में जन सभा करते हुए कही।
राहुल गांधी ने बताया आदिवासी और वनवासी शब्द में अंतर:
राहुल गांधी ने सभा में कहा, आदिवासी शब्द का मतलब हिन्दुतान के वासी होता है। आदिवासी मतलब जो यहाँ पहले आए थे। जो इस जमीन के वासी हैं उन्हें आदिवासी कहते हैं। जल-जंगल-जमीन पर सबसे पहला हक आदिवासियों का बनता है। आदिवासी और वनवासी शब्द में अंतर होता है। भाजपा के नेता अधिकतर वनवासी शब्द का प्रयोग करते हैं। वनवासी शब्द का मतलब होता है आप बस वन में रहते हो आपका जल-जंगल-जमीन पर कोई अधिकार नहीं है।
भाजपा - RSS की लेबोलेट्री गुजरात नहीं मध्यप्रदेश :
राहुल गांधी ने शहडोल में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा, आडवाणी जी ( लाल कृष्ण आडवाणी ) ने अपनी किताब में लिखा था। भाजपा - RSS का अच्छी लेबोलेट्री गुजरात नहीं मध्यप्रदेश है। मैंने सोचा चलिए देखते हैं की यहाँ भाजपा क्या काम कर रही है। मुझे पता चला मध्यप्रदेश में मरे हुए लोगों का इलाज करके उनका पैसा चोरी किया जाता है। मध्यप्रदेश में महाकाल कॉरिडोर में भगवान से चोरी की जाती है। भाजपा लेबोलेट्री में बच्चों की यूनिफार्म चोरी होती है। यहाँ उज्जैन में 12 साल की बच्ची ओर भोपाल में बलात्कार होता है। जब उसका भाई शिकायत करता है तो उसे मार डाला जाता है। भाजपा नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं। ये काम किया है भाजपा ने अपनी लेबोलेट्री में...।
आदिवासी अधिकारियों का बजट पर निर्णय मात्र 10 पैसे का:
राहुल गांधी ने आगे कहा, पूरे हिंदुस्तान को सिर्फ 90 अधिकारी चला रहे हैं। बजट का उपयोग कैसे होगा इस बात निर्णय 90 अफसर करते हैं। अगर हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती हैं तो 5 रुपए खर्च करने का निर्णय पिछड़ा वर्ग के अधिकारी करते हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि, आदिवासी अफसर मात्र 10 पैसे का निर्णय लेते हैं। आदिवासियों का इससे बड़ा अपमान और क्या होगा ?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस करवाएगी कास्ट सेंसस:
राहुल गांधी ने आगे कहा, देश के सामने सवाल है कि, किसको कितना हक दिया जाए। हम इसी बात के निर्णय के लिए जातिगत जनगणना चाहते हैं, हमारी नियत साफ है। हम आपके सामने झूठ बोलने नहीं आए हैं। भाजपा करवाए या न करवाए ऐसा दबाव बनाएंगे उनको करना पड़ेगा। और अगर वो नहीं करेंगे तो हम उनको कहेंगे,परे हटिये हम करके दिखाते हैं। जहाँ-जहाँ हमारी सरकार है वहां-वहां कास्ट सेंसस किया जाएगा । भाजपा कब तक कास्ट सेंसस से भागेगी। मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बनेगी तो सबसे पहले हम कास्ट सेंसस करवाएंगे।
2011 का कास्ट सेंसस सरकार जनता के सामने लेकर आए:
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना पर बात करते हुए आगे कहा, कमलनाथ जी की उम्र 72 साल है। उन्हें घुटनों में चोट लगी मैंने उनसे पूछ क्या आपने एक्स-रे करवाया, ताकि चोट की पूरी जानकारी मिल सके। यही बात हम आज कह रहे हैं। जातिगत जनगणना करवाइये, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 2011 का कास्ट सेंसस सरकार जनता के सामने लेकर आए। ओबीसी युवाओं के सामने पूरा सच आ जाएगा। सरकार कभी पाकिस्तान, कभी अफगानिस्तान, कभी इजराइल की बात करती है। कास्ट सेंसस पर केंद्र सरकार कभी बात नहीं करती।
सरकार आने पर तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ाई जाएगी मजदूरी:
राहुल गांधी ने कहा, हम आपसे सच्चे वादे करने आए हैं। काँग्रेस सरकार आने पर 15 सौ रुपए महिलाओं के खाते में डाले जायेंगे। आदिवासी भाई-बहनों को तेंदूपत्ता की मजदूरी का पैसा 3 से 4 हजार रुपए बढ़ाया जाएगा। आप अपने भविष्य का निर्णय लीजिए। जब भी आपको मेरी जरुरत हो दिल से मुझे बुलाइयेगा मैं आ जाऊंगा।
मध्यप्रदेश की जनता झूठ और कलाकारी को समझ गई है- कमलनाथ
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शहडोल में जनसभा को सम्बोधित कर कहा, चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद ये पहली चुनावी सभा है। हम सभी के सामने चुनौती है। आपके क्षेत्र में बेरोजगारी का क्या हाल है...मध्यप्रदेश की तस्वीर आप अपने सामने रख लीजिये। यहाँ किसान के आंसू सरकार को नहीं दिखते। मध्यप्रदेश की जनता ने आपके झूठ और कलाकारी को समझ लिया है। मैं पूछना चाहता हूँ आपने दिया क्या इतने वर्षों में। 15 महीने हमारी सरकार चली। हमने 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी थी। गौशाला बनाई, किसानों का कर्जा माफ किया क्या गलत किया?
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