खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर खड़े हुए सवाल
राज एक्सप्रेस। उमरिया जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में रेत के कारोबार में शामिल माफिया के द्वारा लंबे अर्से से खनिज विभाग की शह पर मशीनों के माध्यम से रात्रि में रेत का अवैध कारोबार संचालित किया जा रहा था। सूचना पुलिस कप्तान सचिन शर्मा को मिली।
सूचना मिलने के बाद कोतवाली टीम शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात सेहराटोला-बसकुटा के लिए रवाना हुई। दबिश के दौरान पुलिस ने मौके से मशीन और अवैध उत्खनन में लगे वाहनों को जब्त करते हुए भादवि की धाराओं के साथ ही खनिज अधिनियम के तहत् मामला दर्ज किया है। इस मामले में यह भी बात सामने आई है कि अगर उक्त क्षेत्र बांधवगढ टाईगर रिजर्व व वन विभाग के दायरे में आयेगा तो धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं, की गई कार्यवाही के बाद से रेत माफियाओं में हड़कंप भी देखने को मिला।
कोतवाली पुलिस की टीम ने रात्रि दो बजे के आस-पास दबिश दी जहां मौके पर अवैध उत्खनन और परिवहन करते हुए मशीन व वाहन मिले, हालांकि कार्यवाही के दौरान इस गोरख धंधे में शामिल माफिया मौके पर नहीं मिला। देर रात शुरू हुई कार्यवाही शनिवार की सुबह तक जारी रही, पुलिस ने मौके से जब्त किये गये कोतवाली परिसर मे लाकर खड़ा कराया गया है। पुलिस की गिरफ्त में आये वाहनों में किसी में भी नंबर अंकित नहीं थे, पुलिस अब वाहनों के चेचिस नंबर से वाहन मालिको की जानकारी खंगालने में जुटी हुई है।
इस पूरे मामले में जो जानकारी सामने आ रही है, कि उक्त कारोबार में जुडे माफिया रात में मशीन लगाकर रेत का अवैध उत्खनन किया करते थे और खनिज विभाग को इस बात की जानकारी भी थी, लेकिन कभी विभाग ने कार्यवाही नहीं की। माफिया अपने गुर्गो के माध्यम से मशीन लगवा कर हाइवा सहित अन्य वाहनों से रेत का परिवहन कराया करते थे, पुलिस ने मौके से मशीन के साथ एक हाइवा और तीन ट्रैक्टर जब्त किये है, जो कि इस बात का प्रमाण है कि उक्त क्षेत्र में लंबे समय से यह कारोबार संचालित हो रहा था।
बताया गया है कि करकेली में रहने वाले ओंकार सिंह उर्फ बबलू के द्वारा ही रेत के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा था और वही इस पूरे गोरखधंधे का असली मास्टर माइंड था। गौरतलब है कि खैरवार गैंगवार में बबलू का नाम शामिल है, वारदात के दिन बबलू अपने साथियों के साथ मशीन लेकर खैरवार खदान गया था, इसी बीच विवाद भाईजी और पवन पाठक से हुआ था। तभी गोली कांड में लल्लू उपाध्याय की मौत हो गई थी, उस वक्त इस मामले ने काफी तूल पकडा था, उस समय भी खनिज अधिकारी बघेल का बबलू से कनेक्शन सामने आया था, सूत्र बताते है कि खनिज अधिकारी के ऑफ द रिकार्ड अनुमति पर ही करकेली से मशीन से लेकर बबलू अपनी गैंग के साथ चंदिया के खैरवार गया था, अगर खनिज अधिकारी यह अनुमति न देते तो शायद खैरवार गोलीकांड का दाग जिले और प्रदेश के दामन में नहीं लगता।
पुलिस ने मौके से वाहन के चालकों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चालक संतोष बैगा, महेन्द्र कुमार रावत, नीरज रावत, धमेन्द्र नामदेव शामिल है। जानकारी के मुताबिक उक्त क्षेत्र बांधवगढ टाईगर रिजर्व के धमोकर रेंज से लगा हुआ है, अगर जांच में उत्खनन वन विभाग के दायरे में आता है तो विवेचना के दौरान वन अधिनियम के साथ ही पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत् मामले में आगे की कार्यवाही हो सकती है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर दबिश देकर छापामार कार्यवाही करते हुए, वाहनों को जब्त करते हुए चालकों को गिरफ्तार किया गया है, मामला दर्ज कर लिया गया है, प्रकरण वन विभाग को भी भेज गया है, विवेचना के दौरान धारायें बढ़ाई जायेंगी, चेचिस से वाहन मालिकों के नाम और इस कारोबार में शामिल लोगों की जानकारी जल्द ही सामने आयेगी:-
वर्षा पटेल निरीक्षक, सिटी कोतवाली उमरिया
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