भोपाल, मध्यप्रदेश। एक तरफ जहां सरकार कोरोना संकट के बीच भी एमपी को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए कई योजनाओं को लेकर नई-नई व्यवस्था बना रही है, वहीं, दूसरी तरफ खबर मिली है कि, भोपाल स्मार्ट सिटी (Bhopal Smart City) ने करोड़ों का चूना लगाया है, बता दें कि स्मार्ट नाम पर ऐसे जनता के पैसों की बर्बादी हो रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक
बता दें कि खास कंपनी को फायदा पहुंचाने के मकसद से स्मार्ट सिटी के अधिकारी 5 साल में तीन मशीनों पर 29 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहे थे, अब यह तीन स्विपपिंग मशीन नगर निगम ने 2 करोड़ 10 लाख रुपये में खरीदी, एक मशीन की कीमत 70 लाख रुपये है वहीं, पहले 10 गुना ज़्यादा पैसा दिया जा रहा था।
एक साल तक कंपनी के ऑपरेटर इन मशीनों को चलाएंगे
बताया जा रहा है कि, एक साल तक कंपनी के ऑपरेटर इन मशीनों को चलाएंगे, एक मशीन 70 किलोमीटर सड़कों की सफाई करेगी, पहले सिर्फ रात में सफाई होती थी अब सुबह 5 से 9 और रात में 9 से 12 तक मशीनें चलेगी, ये मशीने एमपी नगर से होशंगाबाद रोड होते हुए मिसरोद, स्मार्ट सिटी रोड से वीआईपी होते हुए बैरागढ़, जहाँगीराबाद भोपाल टॉकीज़ अल्पना चौराहे तक जाएगी।
हर रोज 300 लीटर डीज़ल होगा खर्च :
मिली खबर के अनुसार, इसमें हर रोज़ 300 लीटर डीज़ल खर्च होगा, हर साल 80 से 90 लाख रुपये मशीनों पर खर्च आएगा, बता दें कि पहले स्मार्ट सिटी इन मशीनों पर हर साल 6 करोड़ रुपये का कंपनी को भुगतान कर रही थी।
आपको बताते चलें कि, एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि भोपाल शहर स्मार्ट सिटी के हर मापदंड पर खरा उतरे इसके प्रयास किए जाएंगे, भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा, कई शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना जितना सरकार का है उससे कहीं ज्यादा यहां रहने वालों का है, लेकिन इस बीच अभी तक कई प्रोजेक्टों पर कार्य भी प्रारंभ नहीं हो पाया है बस स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता के धन की बर्बादी हो रही है।
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