भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान कालेधन के लेन-देन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट में सिंधिया समर्थक उन नेताओं के नाम भी हैं, जो पहले कांग्रेस में थे, लेकिन फिर भाजपा में शामिल हो गए। इनमें से कई शिवराज सरकार में मंत्री हैं। रिपोर्ट में नाम आने पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि हमें बदनाम करने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि यदि लेन-देन में हम शामिल हैं, तो नोटिस क्यों नहीं दिया गया। वहीं उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि आरोप झूठे हैं। हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से संबंध अच्छे नहीं थे, इसलिए बदनाम करने के लिए मेरा नाम लिख दिया होगा। इसे लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ के गोरखधंधों की वजह से ही इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी थी। इस मामले में कोई भी लिप्त क्यों न हो, कानून अपना काम करेगा। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश में लगातार बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट पर जांच में सच सामने आ जाएगा। सेंधवा से विधायक ग्यारसीलाल रावत ने कहा कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। चुनाव के दौरान उन्हें फूटी-कौड़ी भी नहीं मिली। यह सब कमलनाथ और उनके विधायकों को बदनाम करने की साजिश है। बड़वानी के पानसेमल से विधायक चंद्रभागा किराड़े का नाम इस सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी दम पर चुनाव लड़ा और जीता है। चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल होने की जानकारी नहीं है। इसको लेकर किसी भी एजेंसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया।
रिपोर्ट में इन नेताओं के नाम :
रिपोर्ट में प्रद्युमन सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बिसाहूलाल साहू, नारायण पटेल, राहुल लोधी, कमलेश जाटव, रणवीर जाटव, ऐदल सिंह कंषाना, रक्षा सिरोनिया, गिर्राज दंडोतिया, सुमित्रा कासदेकर के नाम शामिल हैं।
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